Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Monday, February 17, 2025 9:41:59 AM

वीडियो देखें

तारीख भी वही बताएंगे!

तारीख भी वही बताएंगे!

रिपोर्ट : राजेंद्र शर्मा

 

ये लो, कर लो बात। अब तो अमित शाह जी ने राम मंदिर के उदघाटन की तारीख भी बता दी। न एक दिन पहले और न एक दिन बाद, 1 जनवरी 2024 को होगा मस्जिद की जगह वाले राम मंदिर का उदघाटन। पर विरोधियों को तो शाह जी-मोदी जी की निकाली तारीख में भी मीन-मेख निकालने से मतलब है। और कुछ नहीं मिला तो कह रहे हैं कि 1 जनवरी ही क्यों? ईसाई कलैंडर की न सही, पर यह कम–से–कम देसी कलैंडर की तारीख तो हर्गिज नहीं है। नाम आत्मनिर्भरता का और काम रामलला से परदेसी कलैंडर की तारीख का इंतजार कराने का — यह कैसी रामभक्ति है भाई! बाबरी मस्जिद का ध्वंस न सही, मंदिर का उदघाटन तो देसी पंचांग से करा लेते!

 

पर शाह साहब न विरोधियों के देसी पंचांग प्रेम के धोखे में आने वाले हैं, न आत्मनिर्भरता की उनकी दुहाई से, राम मंदिर के उदघाटन के तयशुदा प्रोग्राम से टस से मस होने वाले हैं। मंदिर का उदघाटन तो 1 जनवरी को ही होगा — नये साल में, राम लला के लिए नया भवन। वह भी छोटा-मोटा नहीं, एकदम गगनचुम्बी। छत के रास्ते स्वर्ग लोक में सीधे आने-जाने की सुविधा। और भगवा पार्टी के लिए फिर से दिल्ली की गद्दी पाने की सुविधा। और पब्लिक के लिए भी, अपना परलोक बनाने वालों को गद्दी देने की सुविधा। बेचारों का यह लोक तो बिगड़ गया। न करने को काम, न खरचने को दाम। अब इस लोक का तो कुछ नहीं हो सकता। कम से कम परलोक ही बना लें। यहां रोटी न सही, कम से कम परलोक में तो घी-दूध की नदियों में डुबकी लगाने का टिकट बनवा लें। यानी मंदिर भले रामलला का ही हो, पर नये साल का गिफ्ट, इंसान से लेकर भगवान तक सब के लिए। जो बात पहली जनवरी में है, किसी रामनवमी वगैरह में वो वाली बात कहां!

 

सॉरी! मथुरा और बनारस की मस्जिद वाले, 2024 के हैप्पी न्यू ईअर पर भी, शाह जी-मोदी जी से किसी गिफ्ट की उम्मीद नहीं रखें। राम मंदिर चालू हो जाएगा, तो यह सिलसिला रुक थोड़े ही जाएगा। तब मथुरा और बनारस का नंबर आएगा। उसके बाद औरों का। जब तक चुनाव आते रहेंगे, भगवाई मस्जिदों वगैरह पर मंदिर बनवाते रहेंगे। मंदिरों का विकास ही तो असली विकास है। शरीर की सेवा वाला विकास भी कोई विकास है, लल्लू!

 

व्यंग्यकार प्रतिष्ठित पत्रकार और ’लोकलहर’ के संपादक हैं।

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *