Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Monday, July 7, 2025 3:13:47 AM

वीडियो देखें

गरीबी तो मिटाने दो यारो!

गरीबी तो मिटाने दो यारो!

रिपोर्ट : राजेन्द्र शर्मा

ये लो कर लो बात। अब क्या मोदी जी गरीबी भी नहीं मिटाएं। सीबीएसई की किताबों में से गरीबी का चैप्टर जरा-सा हटा क्या दिया‚ भाई लोगों ने हटा दिया‚ मिटा दिया का मार तमाम शोर मचा रखा है। बताइए‚ इन्हें गरीबी मिटाने में भी दिक्कत है। अब मोदी जी की हर बात का विरोध करने वालों को कौन समझाए कि बच्चों की किताबों से हटेगी गरीबी‚ तभी तो नये इंडिया से मिटेगी गरीबी!

 

शुक्र है कि मोदी जी विरोधियों की नहीं सुनते हैं। वैसे कहने वाले कहते हैं कि मोदी जी समर्थकों की भी नहीं सुनते हैं‚ मोदी–मोदी की पुकारों के सिवा। खैर! समर्थकों की बात उनके घर की है‚ हम उसमें टांग क्यों अड़ाएं‚ पर मोदी जी विरोधियों की नहीं सुनते हैं‚ ये बात पक्की है। इसीलिए‚ पचहत्तर साल में जो नहीं हुआ, अब होगा; अमृतकाल वाले नये इंडिया में फाइनली गरीबी का अंत होगा। बेशक‚ पहले वालों ने भी गरीबी हटाने/मिटाने के बहुत सपने दिखाए थे। उद्योग–धंधे खोलने से लेकर‚ हरित क्रांति तक‚ सस्ती पढ़ाई से लेकर सस्ती दवाई तक‚ तरह–तरह के जतन आजमाए थे। इन्हीं सब चक्करों में पुराने इंडिया ने दसियों साल गंवाए थे। पर गरीबी‚ थोड़ी बहुत घटी भले ही हो‚ पर नहीं मिटी, तो नहीं ही मिटी। लेकिन‚ क्योंॽ पहले वाले पढ़े–लिखे मूर्ख‚ एक तरफ जमीन पर गरीबी हटाते रहे और दूसरी तरफ‚ बच्चों को स्कूलों में गरीबी का पाठ पढ़ाते रहे। गरीबी भला मिटती तो भी तो कैसेॽ खैर! मोदी जी जमीन पर गरीबी हटाने–वटाने के चक्कर में बिल्कुल नहीं आ रहे हैं‚ सीधे स्कूलों की किताबों से गरीबी हटवा रहे हैं। सिंपल है‚ किताबों से हटेगी गरीबी‚ तभी तो नये इंडिया से मिटेगी गरीबी! गरीबी को कोई जानेेगा ही नहीं‚ तो पहचानेगा कैसेॽ अटेंशन की भूखी गरीबी‚ खुद ही किसी कुएं–पोखर में जा पड़ेगी।

 

बेशक‚ बच्चों की किताबों से और भी बहुत कुछ हटाया जा रहा है। पर मुगल काल हटाना तो ठीक था। शांति‚ शीत युद्ध वगैरह‚ हटाना भी ठीक था। विकास को हटाया, वह भी ठीक था। पर मोदी जी‚ ये डेमोक्रेसी को क्यों हटा दियाॽ संसद भवन नया है‚ तो क्या पुराने इंडिया वाली डेमोक्रेसी भी मिटाएंगे या नये इंडिया में ऑर्डर करके‚ डेमोक्रेसी की मम्मी के लिए डेमोक्रेसी भी नई बनवाएंगे?

 

व्यंग्यकार वरिष्ठ पत्रकार और साप्ताहिक ‘लोकलहर’ के संपादक हैं।

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *