उपराष्ट्रपति ने सपरिवार अयोध्या में रामलला के मंदिर के दर्शन किए, प्रभु श्रीराम से विकास पथ पर अग्रसर भारत भूमि के लिए आशीर्वाद मांगाअपनी अयोध्या यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति ने हनुमानगढ़ी, कुबेर टीला के भी दर्शन किए तथा सरयू नदी की आरती की
उपराष्ट्रपति ने मंदिर निर्माण में लगे सभी कारीगरों और श्रमिक कर्मियों के योगदान का अभिनंदन किया
इस अवसर पर X पर अपने संदेश में उपराष्ट्रपति कहा कि ” यह मंदिर, भक्ति और आध्यात्म की हमारी गौरवशाली परंपरा का जीता जागता प्रतीक है।” उन्होंने आगे लिखा है कि ” आज जब हमारा देश एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में दृढ़ता से अग्रसर है, ऐसे में प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद इस भारत भूमि पर बना रहे, यही प्रार्थना है।”
उन्होंने कहा कि यह अवसर मेरे और मेरे परिवार के लिए, मेरे दिल, मेरे दिमाग और आत्मा को एक साथ एकत्र करता है।
उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के भाग 3 में श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण का चित्र अंकित है।
उन्होंने इस मंदिर निर्माण में लगे कारीगरों तथा श्रमिक कर्मियों के योगदान का अभिनंदन किया।
उपराष्ट्रपति की इस यात्रा की शुरुआत हनुमानगढ़ी के दर्शन से हुई, उन्होंने लिखा -” साहस, शक्ति और भक्ति के प्रतीक बजरंगबली के चरणों में शीश नवा कर तन मन प्रसन्नता और ऊर्जा से भर गया।”
इसके बाद उपराष्ट्रपति ने कुबेर टीला में कामेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना की और भक्ति एवं साहस के प्रतीक पक्षीराज जटायु के दर्शन किए।
अपनी अयोध्या यात्रा के अंत में उपराष्ट्रपति ने सपरिवार सरयू नदी के दर्शन किए और आरती की। इस अवसर कर उन्होंने कहा कि सरयू नदी अनादि काल से भारतीय सभ्यता तथा सांस्कृतिक चेतना का अभिन्न हिस्सा रही है- ” यह दिव्य अनुभव अगाध आध्यात्मिक शांति प्रदान करने वाला है।
इस अवसर पर श्री हरिवंश नारायण सिंह, राज्यसभा उपसभापति, श्री सूर्य प्रताप शाही, मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, श्री पी. सी. मोदी, राज्यसभा महासचिव, श्री चंपत राय, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव उपस्थित थे|
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