राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में कहा है:-
“सभी नागरिकों की ओर से, मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 155वीं जयंती पर अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ।
सत्य और अहिंसा के अनुयायी बापू का जीवन पूरी मानवता के लिए एक विशिष्ट संदेश है। उन्होंने हमें शांति और सहयोग के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। गांधीजी ने अस्पृश्यता, अशिक्षा, स्वच्छता की कमी और अन्य सामाजिक बुराइयों को मिटाने के मिशन को अपनाया और महिला सशक्तिकरण के लिए अथक प्रयास किए।
गांधीजी शाश्वत नैतिक सिद्धांतों के प्रतीक थे और उन्होंने नैतिकता आधारित आचरण का उपदेश दिया। उनका संघर्ष सबसे कमजोर और सर्वाधिक वंचित लोगों को मजबूत बनाने पर केंद्रित था। उनके विचारों ने दुनिया के कई महान व्यक्तित्वों को प्रभावित किया, जिन्होंने गांधीजी के आदर्शों को अपने तौर-तरीकों में अपनाया।
इस पावन अवसर पर, आइए हम सत्य, अहिंसा, प्रेम और पवित्रता के मूल्यों को आत्मसात करने का संकल्प लें तथा गांधीजी के सपनों के भारत के विचार के साथ, देश और समाज के विकास को निरंतर आगे बढ़ाने का प्रयास करें।
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