आपको यह एहसास दिलाना है कि लाकडाऊन के दो माह बीत चुके है। इस दौरान बहराइच मे कई घटनाएं हुई और उच्चाधिकारियो के दौरे हुए। लेकिन जिला प्रशासन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस नही की। जबकि शासन रोजाना प्रेस कांफ्रेंस करता है।
वही दूसरी ओर प्रशासन ने कई बार धर्म गुरुओ, सामाजिक संगठनो, व्यापारियो सहित जिला व पुलिस प्रशासन आए दिन बैठक आयोजित करता है।
फिर पत्रकारो के साथ दूरी और दोहरा रवैया क्यों?
उपरोक्त लाईने हमारे लिखने के बाद अगर लगता हो कि कही से इसमे सच्चाई छूकर गुजरी है तो फिर अपने जमीर को जगाईए और यह निर्णय लीजिए कि प्रेस नोट के सहारे पत्रकारिता करने के बजाए प्रेस नोट का अपने अपने अखबारो, पोर्टल व न्यूज ग्रुप मे बायकॉट कर अपनी जिम्मेदारियो का निर्वहन करे और समाज को सच्चाई से अवगत कराते हुए चौथे स्तम्भ को मजबूती प्रदान करने मे अपना सहयोग प्रदान करे।
जय हिंद
जय भारत
जय संविधान
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