बहराइच 08 अगस्त। विकास खण्ड जरवल अन्तर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जरवल रोड (पाण्डेयपुरवा) में स्थापित आरोग्य केन्द्र (हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर) के निरीक्षण के दौरान नीति आयोग के स्वास्थ्य सलाहकार आलोक कुमार ने मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुरेश सिंह को निर्देश दिया कि जनपद के स्वास्थ्य केन्द्रों पर आने वाले मरीज़ों एवं उनके परिवारों के सदस्यों का मेडिकल हिस्ट्री से सम्बन्धित विवरण का सुव्यस्थित ढंग से डिजिटली अभीलेखीकरण कराया जाय। ताकि किसी चिकित्सक के चले जाने के बावजूद जब वह मरीज या उसके परिवार का कोर्द सदस्य दोबारा स्वास्थ्य केन्द्र पर आये तो यहाॅ पर मौजूद चिकित्सक उसकी मेडिकल हिस्ट्री से सम्बन्धित विवरण का अध्ययन कर मरीज़ के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। मेडिकल हिस्ट्री से सम्बन्धित अभिलेख सुरक्षित रखने से उस व्यक्ति के साथ-साथ उसके बच्चों का भी इलाज करने में चिकित्सकों को काफी मदद मिलेगी और लोगों का बेहतर ढंग से प्रभावी इलाज संभव हो सकेगा। चिकित्सा सलाहकार श्री कुमार ने आरोग्य केन्द्र पर आयोजित किशोरी दिवस का निरीक्षण करते हुए 02-02 गर्भवती महिलाओं गुड़िया गौतम व सोनी की गोद भराई की तथा खुशी व विकास को अन्नप्राशन कराया। श्री कुमार ने किशोरी दिवस के अवसर पर पुष्टाहार से तैयार किये गये विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के बारे में बाल विकास परियोजना अधिकारी जरवल रूपाली सिंह से जानकारी प्राप्त करते हुए प्रयासों की सराहना करते हुए निर्देश दिया कि सभी किशोरियों को इस बात की भी जानकारी प्रदान की जाय कि उन्हें पुष्टाहार क्यों प्रदान किया जाता है। इस अवसर पर उन्होंने मौजूद किशोरियों के साथ केट काटकर किशोरी दिवस को सेलीब्रेट किया। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के निरीक्षण के दौरान श्री कुमार ने एनिमिक एवं हाईरिस्क प्रेगनेन्सी से सम्बन्धित महिलाओं का डाटा अपेक्षाकृत कम पाये जाने सीएमओ को निर्देश दिया कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर एचआरपी व एनिमिया की जाॅच प्रक्रिया का रैण्डमली सत्यापन कराते रहें। उन्होंने सुझाव दिया कि किसी प्रकार के डाटा को छिपाया न जाय बल्कि जो भी वास्तविक डाटा है उसे सामने लाते हुए सुधार के प्रयास किये जाये। श्री कुमार ने यह भी सुझाव दिया एनिमिक तथा हाई रिस्क प्रेगनेन्सी से सम्बन्धित महिलाओं के परिवार के सदस्यों के साथ भी काउन्सलिंग कर उनके खान-पान तथा देख-रेख के बारे में उचित परामर्श प्रदान किया जाये ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आ सके। ओपीडी में आने वाले मरीज़ों की संख्या कम पाये जाने पर प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि लोगों को चिकित्सालय में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी प्रदान की जाय। लोगों के साथ मित्रवत व्यवहार करते हुए उन्हें बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करायी जाये ताकि लोग सरकारी चिकित्सालयों का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकें। श्री कुमार ने यह भी निर्देश दिया कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर दवाओं की मानक के अनुसार पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाय। उन्होंने प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि दवाओं की उपलब्धता का जायज़ा लेते रहें और दवाओं के खत्म होने से पूर्व की माॅग पत्र प्रेषित करें। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटली दवाओं की माॅग करने के सम्बन्ध में सभी फार्मासिस्टों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करने की व्यवस्था की जाय। इस अवसर पर जिलाधिकारी शम्भु कुमार, मुख्य विकास अधिकारी अरविन्द चैहान, उप जिलाधिकारी रामजीत मौर्य, जिला विकास अधिकारी राजेश कुमार मिश्र, डीपीएम एनएचएम डा. आर.बी. यादव, प्रोजेक्ट डायरेक्टर एडीटी प्रोग्राम अश्विन देशमुख, आपरेशनल हेड रूपेश सिंह, डीटीएम डा. पियूष नायक, एडीटीएम बालमुकुन्द शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी जी.डी. यादव, डीसीपीएम मोहम्मद राशिद, प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. निखिल सिंह सहित अन्य सम्बन्धित लोग मौजूद रहे।
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