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Tuesday, April 29, 2025 5:38:17 PM

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नकलविहीन परीक्षा से विद्यार्थियों में शैक्षिक गुणवत्ता एवं स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हुई बलवती

नकलविहीन परीक्षा से विद्यार्थियों में शैक्षिक गुणवत्ता एवं स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हुई बलवती

बहराइच 24 जुलाई। शिक्षा प्राप्त करने के लिए बने स्कूल/कालेज को शिक्षा का मन्दिर कहा जाता है। शैक्षिक गुणवत्ता और उन्नयन के लिए प्रत्येक कक्षा की परीक्षा होना जरूरी होता है। परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग पर नियन्त्रण करके परीक्षा की शुचिता, पवित्रता पारदर्शिता व शान्तिपूर्ण सम्पन्न कराना बड़ा महत्वपूर्ण कार्य है। उत्तर प्रदेश में हाई स्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षा में लाखों की संख्या में विद्यार्थी परीक्षा देते हैं। परीक्षा को नकलविहीन सम्पन्न कराना प्रदेश सरकार की बड़ी उपलब्धि है। नकलविहीन परीक्षा होने से विद्यार्थियों में शैक्षिक गुणवत्ता के साथ, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना भी बलवती हुयी है।

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प्रदेश सरकार ने नकल विरोधी अधिनियम को कड़ाई से लागू किया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद् उत्तर प्रदेश, प्रयागराज की बोर्ड परीक्षा के सम्पादन एवं अन्य कार्यों के लिए आनलाइन केन्द्र निर्धारण, आनलाइन पंजीकरण, आनलाइन मान्यता एवं आनलाइन डुप्लीकेट अंकपत्र/प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है। इस व्यवस्था से परीक्षा की पारदर्शिता बनी रही। वर्ष 2017 में 11414 परीक्षा केन्द्र बनाये गये थे, जबकि 2018 में 06 लाख परीक्षार्थी बढ़ने के बावजूद आनलाइन केन्द्र निर्धारण व्यवस्था लागूू करने के कारण केवल 8549 परीक्षा केन्द्र बने। इससे केन्द्र निर्धारण प्रक्रिया पारदर्शी व तार्किक बनी। प्रदेश सरकार की इस व्यवस्था से केन्द्रों के धारण क्षमता का पूर्ण उपयोग किया गया तथा निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण वित्तीय व्यय-भार में कमी आयी और नकल पर प्रभावी अंकुश लगा है। परीक्षा की शुचिता बनाये रखने के लिए प्रदेश सरकार ने नकल की समस्याओं को कम करने के लिए वायस रिकार्डर युक्त सीसीटीवी कैमरों, क्रमांकित उत्तर पुस्तिकाओं की व्यवस्था की गयी तथा कक्षा-9 व 11 के विद्यार्थियों का आधार लिंक आनलाइन अग्रिम पंजीकरण कराया गया। इससे वर्ष 2019 में वाह्य प्रदेशों से व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में पंजीकरण कराने वाले छात्र/छात्राओं की संख्या 2019 में मात्र 6,595 रह गयी, जबकि 2017 मंे यह संख्या 1,50,209 थी। नकल के सभी आयामों यथा-सामूहिक नकल, साल्वर के माध्यम से परीक्षा, डुप्लीकेट काॅपी इत्यादि पर एक साथ अंकुश के परिणामस्वरूप वर्ष 2018 में 12.26 लाख परीक्षार्थियों द्वारा परीक्षा छोड़ी गयी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में विद्यार्थियों के व्यापक ज्ञान एवं शैक्षिक गुणवत्ता तथा उन्नयन हेतु सत्र 2018-19 से एन0सी0ई0आर0टी0, नई दिल्ली द्वारा निर्धारित हाई-स्कूल स्तर पर 03 विषय- गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान तथा इण्टरमीडिएट स्तर पर 09 विषय- भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, नागरिक शस्त्र, समाजशास्त्र की पाठ्य पुस्तकों को प्रदेश में अंगीकृत किया गया है। प्रदेश के सभी विद्यार्थियों को एन0सी0ई0आर0टी0 के समान गुणवत्ता की पाठ्य-पुस्तकें लगभग 66 प्रतिशत कम मूल्य पर मुद्रित कराकर उपलब्ध करायी गयी हैं। इसी प्रकार विद्यार्थियों के व्यक्तित्व एवं कौशल विकास हेतु व्यावसायिक शिक्षा के अन्तर्गत आटोमोबाइल, रिटेल, सिक्योरिटी, आई0टी0 माध्यमिक शिक्षा परिषद् उत्तर प्रदेश, प्रयागराज के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।

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