बहराइच 19 जुलाई। उप निदेशक कृषि डा. आर.के. सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ 2019 में 03 फसलें धान, मक्का एवं अरहर की फसलें अधिसूचित हैं, जिनका बीमा कराने हेतु 2 प्रतिशत की दर से प्रीमियम की धनराशि कृषकों द्वारा देय है। इसके अतिरिक्त पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ 2019 में केले की फसल अधिसूचित की गयी है, जिस पर 5 प्रतिशत की दर से बीमा प्रीमियम देय है। जनपद के सभी ऋणी व गैर ऋणी किसान 31 जुलाई 2019 तक योजना अन्तर्गत पंजीकरण कराकर बीमा योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उप निदेशक कृषि ने बताया कि जनपद के समस्त किसान क्रेडिट कार्ड धारक/फसली ऋण धारक किसान बीमा कराने के लिए निकटतम राष्ट्रीयकृत बैंक, प्राईवेट बैंक, क्षेत्रीय बैंक, सहकारी बैंकों की शाखा, पैक्स/सहकारी समितियों अथवा ओरियन्टल इंश्योरेन्स क.लि. के कार्यालय में सम्पर्क स्थापित कर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। गैर ऋणी किसान जन सुविधा केन्द्र, बैंक शाखा अथवा ओरियन्टल इंश्योरेन्स कम्पनी के एजेन्ट से सम्पर्क कर सीधे फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से बीमा करा सकते हैं। डा. सिंह ने बताया कि बीमा योजना के बारे में अन्य जानकारी प्राप्त करने करने के लिए टोल फ्री नम्बर 1800-11-8485 अथवा बीमा कम्पनी की वेबसाइट डब्लूडब्लूडब्लू डाट ओआरआईईएनटीएएलआईएनएसयूआरएएनसीई डाट ओआरजी डाट इन पर सम्पर्क कर सकते हैं। डा. सिंह ने बताया कि बीमा हेतु आधार कार्ड अनिवार्य है, यदि कार्ड तत्काल नहीं है तो 30 दिनों में उपलब्ध कराने का घोषणा पत्र, खसरा खतौनी, बैंक पासबुक/बैंक खाते का विवरण संलग्न करना आवश्यक होगा। उन्होंने बताया कि यदि किसान पहले किसी अन्य फसल को बोने का निर्णय लेता है व बाद में किसी अन्य फसल को बोता है तो योजना समाप्त होने से कम से कम दो दिन पहले उसे इस बात की जानकारी बैंक/बीमा कम्पनी को बतानी आवश्यक होगी तथा नया कवरेज लेते हुए डिफरेंस प्रीमियम भी देना होगा। प्रीमियम की कटौती के सम्बन्ध में दी गयी व्यवस्था के अनुसार ऋणी किसानों के प्रीमियम की कटौती ऋण-दाता बैंक द्वारा की जाएगी। गैर ऋणी किसान कम्पनी के एजेन्ट, जन सेवा केन्द्र या सीधे बीमा कम्पनी कार्यालय से या भारत सरकार के पोर्टल डब्लूडब्लूडब्लू डाट पीएमएफबीवाई डाट जीओवी डाट इन से भी बीमा करा सकते हैं। उप निदेशक कृषि ने बताया कि हानि के 72 घण्टे के अन्दर कृषक द्वारा हानि की सूचना बैंक, कृषि विभाग, तहसील पदाधिकारियों अथवा बीमा कम्पनी को सीधे भी दी जा सकती है। बीमा कम्पनी द्वारा 48 घण्टेे के अन्दर सर्वेक्षक की नियुक्ति की जाएगी। सर्वेक्षक द्वारा 10 कार्य दिवस के अन्दर हानि रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी।
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