बरेली। नवाबगंज में बारात घर से अगवा हुए चार साल के अग्रिम को उसी रात अपहर्ता ने मार दिया था। उसकी लाश बिथरी गांव के पास गड्ढे में दबा दिया था। बुधवार को उसके शिक्षक पिता के पास अपहर्ता ने व्हाट्सएप पर कॉल की और 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी तो पुलिस और क्राइम ब्रांच जांच में जुटी। मामले में तीन दिन पहले पकड़े गए आरोपी से जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो सनसनीखेज वारदात का खुलासा हुआ। रात में पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर बच्चे का सड़ागला शव बरामद कर लिया। पीलीभीत के बीसलपुर के गांव हाफिज नगर बन्नाही निवासी चन्द्र प्रकाश सखिया प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं। बीते रविवार को वह नवाबगंज कस्बे में बीजामऊ रोड स्थित स्थित पुष्प वाटिका बारातघर में एक शादी समारोह में आए थे। साथ में उनकी पत्नी रुचि और चार साल का बेटा अग्रिम भी था। समारोह में पीलभीत के दियूकलिया गांव के झब्बूलाल का बेटा सुनील कुमार भी आया हुआ था। चन्द्र प्रकाश के परिवार की सुनील से जान पहचान है। उनका बेटा अग्रिम भी घुला मिला था। समारोह के दौरान मौका देखकर सुनील ने उसे अगवा कर लिया था। घटना की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया और उससे पूछताछ की गई लेकिन कुछ पता नहीं चला। तीन दिन बाद बुधवार को दोपहर में चन्द्रप्रकाश के पास व्हाट्सएप पर काल आई और बेटे को अगवा करने की बात कहकर 50 लाख की फिरौती मांगी गई। मामला जानकारी में आने पर जब पुलिस और क्राइम ब्रांच ने सुनील से सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया और बताया कि उसी रात अग्रिम की हत्या कर लाश बिथरी गांव के पास छिपा दी थी। नवाबगंज थाने की पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच प्रभारी गौरव यादव टीम के साथ मौके पर पहुंचे। सुनील की निशानदेही पर शव बरामद हो गया है।
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