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Tuesday, April 22, 2025 8:58:51 PM

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छोटी-छोटी सावधानियों से टाली जा सकती है मानव वन्यजीव संघर्ष की बड़ी घटनाएं: डीएफओ

छोटी-छोटी सावधानियों से टाली जा सकती है मानव वन्यजीव संघर्ष की बड़ी घटनाएं: डीएफओ

बहराइच 25 अपै्रल। प्रभागीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट ज्ञान प्रकाश सिंह ने जानकारी दी है कि कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार अन्तर्गत 23 अपै्रल 2019 को राजस्व ग्राम विशुनापुर की 2 थारू जनजाति की महिलाएं अपराहन कतर्नियाघाट रेंज की कटियारा बीट के ट्रान्स गेरूआ वन ब्लाक के कक्ष सं0 6ब में संभवतः घास/चारा आदि के लिए पहुॅच गई थी, जहाॅ बाघ द्वारा दोनों को मारा गया। ग्रामीणों द्वारा देर शाम को नीबू पुत्री दीवान व सोहन पत्नी परदेशी की लाशें बरामद की गयीं। शव देखने से स्पष्ट हो रहा था कि बाघ द्वारा उन्हें अपने आरामगाह में दखल उत्पन्न होने से मारा गया था। बाघ द्वारा उनके मृत शरीर को भोजन के रूप में प्रयोग नहीं किया गया।

डीएफओ श्री सिंह ने बताया कि कतर्नियाघाट वन्य जीव बिहार जो कि समृद्ध जैव विविधता के लिए विख्यात है, इसके आस-पास बसे गांव वासियों का आना जाना जंगल से सटे क्षेत्रों अथवा जंगल क्षेत्र के भीतर प्रायःहोता रहता है, जिससे यदा कदा उनका सामना हिंसक वन्य जीवों से भी हो जाता है और फलस्वरूप हिंसक वन्य जीव उन पर आक्रमण कर देते हंै, जिससे दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं।

ग्राम विशुनापुर की घटना के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए डीएफओ श्री सिंह ने बताया कि स्वयं उनके व अन्य सहयोगी अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा 24 अपै्रल 2019 को घटना स्थल का सूक्ष्म निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान घटना स्थल पर एक से अधिक बाघों के पैरों के निशान पाये गये तथा महिलाओं के साथ संघर्ष होने के साक्ष्य भी मिले हैं। श्री सिंह ने बताया कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना को देखते हुए उनके द्वारा गांवों में बैठकें आयोजित कर तथा पोस्टर व बैनर बाॅटकर लगातार लोगों को समझाया जा रहा है कि लोग जंगलों में न जायंे। जन-सुरक्षा की दृष्टि से कतर्नियाघाट वन्य जीव बिहार की ओर से रास्तों को खाबड़ लगाकर बंद भी किया जा रहा है तथा जगह-जगह चेतावनी बोर्ड भी लगाये गये हैं।

डीएफओ श्री सिंह ने बताया कि दोनों मृतकों के परिजनों को रू. दस-दस हजार की आर्थिक सहायता अहेतुक राशि के रूप में प्रदान कर दी गयी है। इसी क्रम में 24 अपै्रल को विशुनापुर जूनियर हाई स्कूल में ग्राम वासियों के साथ बैठक कर वन्य जीव बिहार के अन्दर प्रवेश न करने हेतु आगाह किया गया। वन प्रभाग व स्टाफ के साथ-साथ डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ. के स्थानीय प्रभारी दबीर हसन, ग्राम प्रधान तथा पूर्व मंत्री बंशीधर बौद्ध द्वारा भी ग्राम वासियों को सावधानी बरतने की सलाह दी गयी।

कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार में मानव वन्यजीव संघर्ष को न्यून से न्यूतम किये जाने विशेषकर मानवों की सुरक्षा के मद्देनज़र डीएफओ श्री सिंह ने सभी ग्रामीणों सेे पुरजोर अपील की है कि जंगल क्षेत्र में कदापि न जायें, जंगल के समीप के खेतों में कार्य हेतु समूह में जायें व सजग रहंे। श्री सिंह ने कहा कि थोड़ा सजग रहकर और कुछ छोटी-छोटी सावधानियां बरतने सेे मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं को टाला जा सकता है। श्री सिंह द्वारा समस्त ग्रामवासियों व पीड़ित परिवारों को आश्वस्त किया गया है कि हर विषम परिस्थिति में विभाग आपके साथ है।

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