बहराइच 22 अपै्रल। फसलों की कटाई/मड़ाई के बाद कतिपय किसानों द्वारा फसल अवशेषों को खेत में जला दिया जाता है। जिससे एक ओर जहां खेत की उर्वरा शक्ति नष्ट होती जा रही है वहीं वायु मण्डल प्रदूषण के कारण मानव एवं अन्य जीव-जन्तुओं के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। फसल कटाई के बचे अवशेषों को खेत में जला देने से पशुओं हेतु चारे की समस्या तो उत्पन्न होती ही है साथ ही कतिपय स्थानों पर अग्निकांड जैसी घटनाएं भी घटित होती हैं। जिससे व्यापक जन-धन की हानि सम्भावित होती है।
उपरोक्त बातों को मद्देनज़र रखते हुए शासन द्वारा कृषि अवशेषों को खेतो में जलाये जाने को प्रतिबन्धित कर दिया गया है तथा आदेशों का उलंघन करने पर सम्बन्धित के विरूद्व पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति आरोपण करते हुए दो एकड़ से कम भूमि वाले कृषक सेे रू. 2500=00 प्रति घटना, दो एकड़ से पांच एकड़ भूमि वाले लघु कृषकों से रू. 5000=00 प्रति घटना तथा पांच एकड़ से अधिक भूमि रखने वाले बड़े कृषकों से रू. 15000=00 प्रति घटना क्षतिपूर्ति वसूल किये जाने का प्राविधान किया गया है। साथ ही घटना की पुनरावृत्ति होने के अन्र्तगत अभियोजन की कार्यवाही नियमानुसार या दण्ड या दोनों से दण्डित किए जाने का प्राविधान किया गया है।
शासन द्वारा कम्बाईन हार्वेस्टर मशीन मालिकों को स्ट्रारीपर विद बाइण्डर अथवा स्ट्रारीपर का प्रयोग करना अनिवार्य कर दिया गया है। बिना स्ट्रारीपर विद बाइण्डर अथवा स्ट्रारीपर के कम्बाईन हार्वेस्टर मशीन का प्रयोग किये जाने पर सम्बन्धित कम्बाईन हार्वेस्टर मालिक के विरूद्व सिविल दायित्वों के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्यवाही किए जाने का प्राविधान किया गया हैं।
यह जानकारी देते हुए उप निदेशक कृषि डा. आर.के. सिंह ने किसानों को फलस अपशिष्टों को खेत में न जलाकर उसे मिट्टी में मिलाने हेतु रोटावेटर, हैपी सीडर, डिस्क हैरों एवं रीवरसेवुलगोल्ड बोल्ड प्लाऊ, रोटरी स्लेसर आदि आधुनिक कृषि यन्त्रों का प्रयोग करने की सलाह दी है। जिससे उनके खेतों की उर्वरा शक्ति में वृद्धि हो तथा अधिक उत्पादन प्राप्त हो सके। फसल के अवशेषों को भूमि में तीव्रता से सड़ाने के लिए किसानों को खेत की प्रथम जुताई के समय 25 किलोग्राम यूरिया प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करना चाहिए।
डा. सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी शम्भु कुमार ने समस्त उपजिलाधिकारी तहसीलदार, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारियों एवं समस्त खण्ड अधिकारियों व अन्य सम्बन्धित को शासन के उक्त आदेशों का व्यापक प्रचार-‘प्रसार करने तथा कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु सख्त निर्देश दिये है। उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा रिमोट सेसिंग के माध्यम से फसल अवशेष जलाये जाने की घटनाओं का अनुश्रवण किया जा रहा है। उससे फोटोग्राफ तथा अक्षांश एवं देशान्तर भी रिकार्ड किये जा रहे है। यदि किसी कृषक द्वारा खेत में फसल अवशेष जलाये जाने की घटना रिमोट सेन्सिंग अथवा अन्य माध्यमो से प्राप्त होती है तो सम्बन्धित दोषी व्यक्ति के विरूद्व उपरोक्तानुसार नियमानुसर कार्यवाही जायेगी।
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