कालाजार से बचाव के लिए नौतनवा क्षेत्र के ग्राम अमहवा में आई आर एस अंदुरूनी अवशिष्ट छिड़काव शुक्रवार 8 जनवरी से शुरू होगा। छिड़काव के लिए कर्मियों को प्रशिक्षित भी कर दिया गया है। छिड़काव 10 दिनों तक होगा। एक टीम में छह छिड़काव कर्मी लगाए जाएंगे।
वेक्टर डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ राकेश कुमार ने बताया कि 16 से 31अक्टूबर तक दस्तक अभियान चला था। अभियान से पहले आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार के रोगियों को चिन्हित करने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। अभियान के दौरान नौतनवा क्षेत्र के अमहवा गांव में एक व्यक्ति में कालाजार के लक्षण दिखे तो उसकी जांच कराई तो कालाजार की पुष्टि हुई। कालाजार से पीड़ित ने बताया कि 20 साल पहले वह मुंबई रहता था। इस बीच उसका आना-जाना नेपाल रिश्तेदारी में लगा रहता है।उसे 1 साल से भूख नहीं लगती है। जिसे देखते हुए उक्त गांव में छिड़काव करने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले जिले के 3 गांवों धनेवा, सुकटिया व बंजारा टोला तथा पुलिस लाइन बैरक में छिड़काव कराया गया था।
उन्होंने बताया कि अमहवा गांव में कुल 568 घरों में छिड़काव होगा। इससे करीब 3000 की आबादी लाभान्वित होगी।यह भी बताया गया कि चिन्हित गांव में छिड़काव व निरोधात्मक कार 8 से 17 जनवरी तक चलेगा।वेक्टर जनित रोग नियंत्रण हेतु अल्फा साइपर मैथरीन 5% दवा का छिड़काव कराया जाएगा।
जिला परामर्शदाता कौलेश्वर ने छिड़काव के तौर तरीकों के बारे में विस्तार से बताएं तथा छिड़काव कर्मियों के समक्ष छिलकाव मशीन से डेमो भी कराया।
इसके साथ-साथ गौशाला व शौचालयों में भी कराया जा रहा है छिड़काव
कालाजार से बचाव के लिए घरों शौचालय तथा गौशालाओं में भी छिड़काव कराया जाएगा। छिड़काव करीब 6 फीट की ऊंचाई तक कराया जाएगा। कच्चे घरो, अंधेरे में नमी वाले स्थानों पर विशेष तौर पर छिड़काव कराया जाएगा।
कालाजार क्या है जानिए इसके बारे में-:
कालाजार बालू मक्खी से फैलने वाली बीमारी है। यह मक्खी नमी वाले स्थानों पर व अंधेरे में पाई जाती है। इस मक्खी के काटने से मरीज बीमार हो जाता है। उसे रुक रुक कर बुखार चढ़ता उतरता है। इस बीमारी में मरीज का पेट फूल जाता है। भूख कम लगती है। शरीर काला पड़ जाता है। लक्षण दिखने पर मरीज को तत्काल चिकित्सा से दिखाना चाहिए मलेरिया विभाग को रिपोर्ट करने से जल्दी निशुल्क इलाज होगा।
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