बहराइच -भारत संचार निगम लिमिटेड के लापरवाह रवैये से उपभोक्ताओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बीएसएनएल लैंडलाइन इंटरनेट लाइट आने पर ही चालू होता है और जब लाइट चली जाती है तो बंद हो जाता है । अब बीएसएनएल फाइबर ब्रॉडबैंड जैसी महत्वपूर्ण सेवा ठप होने के बाद भी कर्मचारियों पर इसका कोई असर नहीं है। हालत यह है कि 3 दिन से खराब नेटवर्क की किसी ने सुध तक नहीं ली है ।
एक तरफ जहां भारत सरकार शहरी इलाकों की तरह ग्रामीण क्षेत्रों को डिजिटलाइज कर रही है वही बीएसएनल के कर्मचारी भारत सरकार के किए गए कार्यों पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं ।
उपभोक्ताओं का कहना है कि 3 दिन से खराब हुए नेटवर्क को अभी तक सही नहीं किया गया है लेकिन बिल को ड्यू डेट के समय अपडेट कर दिया जाएगा और 3 दिन बाधित हुई सेवाओं को बिल में से नहीं घटाया जाएगा ।
इससे तो यही लगता है कि उपभोक्ताओं की जेब तो ढीली हो रही है लेकिन समस्या का निवारण नहीं किया जा रहा है। बीएसएनएल लैंडलाइन ब्रॉडबैंड की दुर्दशा के बाद जब कस्बे में बीएसएनएल फाइबर सुविधा आई तो लोगों को आस जगी कि अब तेज गति से इंटरनेट सर्फिंग की सुविधा मिल सकेगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं
रूपईडीहा कस्बेवासियों ने बीएसएनएल ब्रॉडबैंड होते हुए फाइबर का भी कनेक्शन करवा लिया ।
लोगों ने ब्रॉडबैंड कनेक्शन होते हुए भी फाइबर का कनेक्शन इसलिए करवा लिया था कि तेज गति सुविधाएं मिलेगी लेकिन ढाक के तीन पात फाइबर कनेक्शन भी साबित हो रहा है । उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल रूपईडीहा इकाई के अध्यक्ष विजय मित्तल, महामंत्री संजय कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष डॉक्टर उमाशंकर वैश्य व भारतीय जनता पार्टी के रतन अग्रवाल, स्वच्छता एवं विकास समिति के अध्यक्ष रमेश अम्लानी के साथ कस्बे के सभी व्यापारियों ने बीएसएनएल की दुर्दशा को जल्द से जल्द सही करने की मांग की है।
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