सोहगीबरवां की आबोहवा सारसों को भाने लगी है। आंकड़े यहीं कह रहे हैं। इस बार की गणना में पिछली बार की तुलना में 38 सारस बढ़े हैं। पिछली बार जहां इनकी संख्या 127 थी, इस बार संख्या बढ़कर 165 हो चुकी है। वन विभाग द्वारा साल में तीन बार सांरसों की गणना कराई जाती है। सितंबर में ही गणना में 110 व्यस्क और 17 बच्चों समेत 127 सारस मिले थे। दिसंबर की गणना मे 7 को रेंजों में 131 व्यस्क और 34 बच्चों समेत सांरसों की संख्या बढ़कर 165 हो गई है। सारसों की संख्या में यह बढ़ोतरी यह दर्शा रही है कि सोहगीबरवां की आबोहवा उन्हें भा रही है। सोहगीबरवां वन्यजीव प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी पुष्प कुमार कांधला ने बताया कि सोहगीबरवां में सारसों की संख्या में वृद्धि सुखद संकेत हैं। भविष्य में इनकी संख्या में और बढ़ोतरी संभव है। गणना वर्ष में 3 बार जून,सितंबर और दिसंबर में कराई जाती है।
वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक लक्ष्मीपुर में कुल 16, पकड़ी में 14, मधबलिया में 47, शिवपुर में 5, निचलौल में 56, दक्षिण चौक में 19 तथा उत्तरी चौक में कुल 8 सारसों की संख्या दर्ज की गई है ।बच्चों को रूप में दर्ज किए 34 वर्षों में सर्वाधिक 14 मधुबनिया, 13 निचलौल,5 दक्षिणी चौक तथा 1 पकड़ी व लक्ष्मीपुर रेंज में मिले हैं। उत्तरी चौक में कोई सारस ऐसा नहीं मिला जिसकी गणना बच्चों के रुप में की जाए।
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