*15 दिन से विद्युत आपूर्ति बाधित होने के कारण किया ग्रामीणों ने प्रदर्शन*
15 दिन से ट्रांसफार्मर जलने से गांव में छाया अंधेरा
सुजौली बहराइच।
उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप्र के प्रत्येक गांव मे 18 घन्टे निर्बाध गति से विद्युत आपूर्ति के आदेश दे रखे है लेकिन विद्युत विभाग के जिम्मेदार किस तरह मुख्यमंत्री के आदेशों को ठेंगे पर रखे है। इसका जीता जागता उदाहरण तहसील मोतीपुर के विकास खंड मिहीपुरवा की ग्राम पंचायत बड़खडिया के मजरा आनंदनगर होलीपुरवा मे देखा जा सकता है। इस गाव मे पिछले करीब 15 दिन से ट्रांसफार्मर जलने की वजह से विद्युत आपूर्ति बाधित है।जिसके चलते इस गाँव के बाशिंदे अंधेरे मे जीने को मजबूर है। गांव पहले से ही बाढ़ व जंगल क्षेत्र होने के कारण जंगली जानवरों के हमले से परेशान है इस गाव के ग्रामीणों का कहना है कि लाइनमेन,जेई, एसडीओ के साथ साथ 1912 पर भी शिकायत दर्ज कराई गई लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है 1912 से तो समस्या के खत्म होने का मैसेज भी आ गया जबकि गांव में विद्युत विभाग से कोई आया भी नही ग्रामीणों ने बताया कि गांव में दो ट्रांसफार्मर है जिसमे एक साल पहले एक जल गया था जिसको सुधारा नही गया अब करीब 15 दिन पहले दूसरा भी जल गया तबसे गांव में अंधेरा है कोई सुनवाई नही हो रही इस दौरान काफी संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने विद्युत विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया
मामले पर जब मोतीपुर जेई अजय कुमार का फोन लगाया गया तो उनका नंबर बंद मिला
एसडीओ शैलेन्द्र ने बताया कि दूरी ज्यादा होने के कारण दिक्कत उत्पन्न हुई है 2 दिन में ट्रांसफार्मर लग जायेगा
इस दोरान क्षेत्रीय ग्रामीण घूरे प्रसाद, बृजेश सिंह,सीमा, सत्यनारायण,अजीत सिंह, रमेश सिंह,गीता,नन्हे,मेनका,गीता सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
अब बात करते हैं सरकारी गाइडलाइंस की तो गाइडलाइंस के मुताबिक खराब ट्रांसफार्मर को 48 घंटो में पूर्ती करने को है पर ऐसा नही होतो
सरकार की दूसरी गाइडलाइंस यह भी है कि उत्तर प्रदेश के प्रत्येक गाँव में 18 घंटे बिजली पूर्ती की जाये पर क्या मिल पाता , नही ,
बावजूद कनेक्शन धारियों की समस्या हमेशा बनी रहती है कभी बिल की समस्या तो कभी लूजिंग वायर की कभी ट्रांसफार्मर की समस्या तो कभी एलटी से जूझ रहे ग्रामीण, तमाम शिकायत के बावजूद कार्यवाही मात्र कागजो पर ही सीमित रह जाती है कभी समस्या का हल धरातल पर नही होता, बिजली उपभोगकता के लिए एक छोटी सी समस्या नासूर बन जाती है ,जब ऊपर के अधिकिरियो के सरण में जाते है तो कार्यवाही मात्र कागजो पर ही सीमित रह जाती है,
जैसे इस गाँव का मामला है ,
पहला ट्रांसफार्मर एक वर्ष पूर्व में ही खराब हो गया था अब लगभग 15 दिनो से दूसरा भी खराब पडा है ग्रामीण A से लेकर Z तक शिकायत कर चुके फिर भी समस्या ज्यो के त्यो बनी, काश सुबे के सरकार इसको गंभीरता से लेते तो शायद अधिकारियो की लापरवाही यही तक सीमित हो जाता और कहीं ऐसी लापरवाही बरतने से पहले काई बार सोचना पडता पर क्या ऐसा संभव है,
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






