तीन माह से स्थानीय थाना से लेकर मुख्यालय तक पीड़ित ने न्याय की लगाई थी गुहार
पीड़ित से बिना बयान के ही c.o. क्षेत्राधिकारी ने लगाई फर्जी रिपोर्ट
काई पीड़ितो के प्रकरण में बिना जानकारी के ही क्षेत्राधिकारी ने बनाई है फर्जी रिपोर्ट,
पुलिस पीड़ितो से नानापारा क्षेत्राधिकारी द्वारा जमकर किया गया है खिलवाड,, पुलिस से साठगांठ कर बिना जानकारी के बनाते है फर्जी रिपोर्ट
बहराइच (नानपारा)थाना के अंतर्गत ग्राम सभा हाडा बसहरी के निवासी पत्रकार भागवती वर्मा के जमीनी प्रकरण को लेकर स्थानीय थाना नानपारा में लिखित शिकायत पत्र देते हुए न्याय की गुहार लगाई थी जिसकी जांच एसआई रवि यादव को दी गई थी , रवि यादव द्वारा दबंगों से सांठगांठ कर उल्टा पत्रकार भागवती वर्मा के बूढ़ी मां व पत्रकार भागवती वर्मा को भद्दी-2 गाली की प्रतिक्रिया देते हुए अपमान किया था जिसकी जानकारी भगवती वर्मा द्वारा थाना नानपारा एसएचओ को व क्षेत्राधिकारी महोदय नानपारा को देते हुए न्याय की अपील की लगभग 15 दिन बीतने के बाद जब भागवती वर्मा को न्याय नहीं मिला तो तहसील दिवस व पुलिस अधीक्षक महोदय से न्याय की गुहार लगाई वहां से भी कोई न्याय मिलने की आस ना दिखी तो पत्रकार भागवती वर्मा पुलिस महानिदेशक लखनऊ मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी के पोर्टल व आई जी आर एस के माध्यम से आईजी व डीआईजी से न्याय की अपील की जब मुख्यमंत्री पोर्टल से सत्यता की जांच के लिए पुष्टि पुलिस अधीक्षक महोदय के पास शिकायत पत्र पहुंची तो पुलिस अधीक्षक महोदय ने क्षेत्राधिकारी महोदय नानपारा को जांच करने का आदेश दिया जिस पर क्षेत्रा अधिकारी महोदय नानपारा द्वारा बिना आवेदिका से किसी प्रकार जानकारी लिए ही फर्जी रिपोर्ट लगा दी आपको यह भी बताते चले कि नानपारा क्षेत्राधिकारी महोदय का ये फर्जी रिपोर्ट लगाना पहली बार नहीं है कई बार ऐसे मामले देखे गए हैं जिसमें क्षेत्र अधिकारी महोदय द्वारा पीड़ित से बिना बयान लिए ही पुलिस से सांठगांठ कर कागजी कार्यवाही पूरी कर देते हैं जैसे इस मामले में भी क्षेत्रा अधिकारी महोदय द्वारा पीड़ित से किसी भी प्रकार कोई बयान बाजी नहीं की और फर्जी रिपोर्ट लगाने का काम किया है यदि क्षेत्राधिकारी महोदय द्वारा तमाम लगाए गए फर्जी रिपोर्टों की जांच की जाए तो एक भी रिपोर्ट सत्यता पर नहीं होगी ज्ञात हो लगभग 3 माह पूर्व एस एच ओ संजय सिंह द्वारा बंजारन टाडा के एक महिला को बुरी तरह से पीट-पीट कर मरणासन्न के करीब पहुंचा दिया था जिसकी जानकारी महिला के संबंधी क्षेत्रा अधिकारी महोदय के कार्यालय में देने गयी परन्तु शिकायत करने से पूर्व ही कार्यालय के सामने बेहोश हो गई लगभग घंटों तक महिला कार्यालय के सामने पड़ी रही जब इसकी जानकारी पीड़ित के संबंधी द्वारा क्षेत्राधिकारी महोदय को संपर्क सूत्र के माध्यम से दी तो क्षेत्राधिकारी महोदय द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि मैं अभी आवश्यक कार्य से बाहर हूं एक घंटा के बाद आपके घर पर आकर देखता हूं और जो भी कार्यवाही होगी वो कार्यवाही की जाएगी ऐसा आश्वासन देते हुए बेहोशी की हालत में महिला को उसके संबंधी के साथ उसके घर भिजवा दिया था 24 घंटा बीतने के बावजूद भी उसके घर क्षेत्राधिकारी महोदय नहीं पहुंचे तो महिला ने तहसील दिवस में एसपी महोदय से न्याय की गुहार लगाते हुए जो भी आप बीती हुई वो सब पुलिस अधीक्षक महोदय को बताया उसके बावजूद भी किसी भी प्रकार कोई कार्यवाही नहीं हुई ज्ञात हो कि उस प्रकरण में भी महिला ने आई जी आर एस के माध्यम से मुख्यमंत्री पोर्टल पर तमाम उच्च अधिकारियों से शिकायत कर न्याय की आस लगाए हुई थी ना तो उस प्रकरण में जांच की गई और ना तो महिला का मेडिकल करवाया गया , महिला के संबंधियो ने लगभग ₹30000 रूपये महिला को प्राइवेट हॉस्पिटल में रख कर उसका इलाज करवाया लगभग पन्द्रह दिन तक इलाज चलता रहा उसके के बाद माहिला स्वास्थ हुयी परंतु सीओ महोदय द्वारा एक भी बार कॉल करके माहिला के स्वस्थ्य के बारे में जानकारी लेने तक की फुर्सत नहीं मिली उस प्रकरण में भी क्षेत्राधिकारी महोदय द्वारा फर्जी रिपोर्ट बिना पीड़ित के बयान के ही लगा दिया और पीड़ित न्याय की आश में बैठी रही,ऐसा ही एक प्रकरण थाना रूपैडिहा का सामने आया है , जहाँ दो कांस्टेबल द्वारा फर्जी धन उगाही कर बिदेशी मुद्रा कारोबारियों मुद्रा चेन्ज करतवाते हुये बीडियो वायरल हुयी थी , ग्रामीणो ने भी अनार्गल दबाव बनाकर फर्जी धन उगाही करने को लेकर स्थानीय थाना में शिकायत किया जिसपर थाना प्रभारी ,ने पुलिस का पक्ष बचाते हुये फर्जी रिपोर्ट लगा दी ये जानते हुये की वो विदेशी मुद्रा बदलने की दुकान है, उसके बाद ग्रामीणो ने पुलिस अधीक्षक महोदय से प्रार्थनापत्र देकर न्याय की मांग की जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी महोदय को सौपी गयी थी, लगभग एक माह बीतने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नही हुई, ग्रामीणो को यह भी नही मालूम है कि क्षेत्राधिकारी महोदय की तरफ से रिपोर्ट लगाई गई य नही, ग्रामीणो की माने तो पुलिस कांस्टेबल आये दिन ग्रामीणो को धमकियां देते रहे है उनका साफ साफ कहना है कि पुलिस अधीक्षक से शिकायत करके क्या करवा लिया मात्र दस बीस हजार में काम हो गया,
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