रुपईडीहा बहराइच। भारत नेपाल के सीमावर्ती रुपईडीहा क्षेत्र के स्कूलों में बसंत पंचमी का पर्व बड़े धूम-धाम से मनाया गया। इस अवसर पर लार्ड बुद्धा डिग्री कॉलेज,आचार्य रमेश चंद्र गल्स इंटर कॉलेज सरस्वती विद्या मंदिर रुपईडीहा में बसंत पंचमी के पावन पर्व पर मां सरस्वती देवी की वंदना पढ़ी तथा पूजा आरती की गई। इस अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर के 4 दर्जन से अधिक बच्चों को विद्या प्रारंभ संस्कार प्रदान किया गया। मौके पर उपस्थित महिला समूह द्वारा बच्चों का संस्कार कार्यक्रम देख कर महिलाएं यह कहने के लिए मजबूर हो गयी कि रुपईडीहा कस्बे में संचालित पाश्चात्य सभ्यता से ओतप्रोत विद्यालय मात्र व्यवसाय का रूप ले लिया है। बच्चों को संस्कार नहीं प्रदान किया जा रहा है। आज कल के विद्यालय मात्र कमाई का साधन बन चुके है। मात्र एक यही विद्यालय है कहां पर संस्कार के साथ-साथ शिक्षा प्रदान की जाती है। पाश्चात्य संचालित स्कूलों की तुलना में इनका शुल्क भी कम है। समय-समय पर बच्चों को संस्कार देशप्रेम, धार्मिक ज्ञान ,अपने से बड़ों का सम्मान करना आज जैसे संस्कार भी प्रदान किए जाते हैं। अवसर पर श्री नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य बृज नरेश श्रीवास्तव ने कहा कि मां शारदा माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को प्रकट हुई थीं इस लिए उस तिथि को वसंत पंचमी कहा जाने लगा। इस मौके पर मीना देवी, आस्था तुलसियान, शर्मिला पाठक, पिंकी शर्मा, प्रियंका चौधरी, प्राचार्य अनिल कुमार आदि लोग मौजूद रहे।
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