भारत में जो मौजूदा हालात है इससे पूरा भारत हताश है
2014 के बाद से कुछ लोग नफरती बात कर कर के भारत कि भारतीय समाज में नफरत फैलाया एक दुसरे को लड़ाने की कोशिश की गई फिर फिर एक बिषेश समाज के लिए एन. आर. सी तथा एन. आर. पी बील। लाने की कोशिश की गई जिसमें पुरा देश जला फिर कोरोना जैसी महामारी को बिशेष आयोजन के द्वारा भारत में फैलाया गया। और अब चीन की सीमा पर हमारे हालात क्या है पुरी दुनिया को पता है। क्या इन सब का सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए सत्ता। अगर देश में नफरत फ़ैलाने के बजाय अपने देश के सीमाओं पर ध्यान दिया होता तो आज हमारी ये हालात नहीं होते। जो लोग आज सत्ता में है यही लोग जब सत्ता में नहीं थे उस समय ये क्या बोला करते थे लेकिन आज सत्ता में आने के बाद क्या बोल रहे हैं कहना देना अलग बात है करना अलग बात है। आज देश उस 56 इंच का सीना देखना चाहता जो 2014 लोग के सामने ठोका ग्या था। 2014 से पहले हमारे देश के पड़ोसी देशों के साथ हमारे रिश्ते कैसे थे और आज कैसा है पुरा देश जान चुका है। हम चले थे विश्व गुरु बनने आज हम क्या बन गये। आज नेपाल जैसे देश कभी हमारे दान पर जिया करता था वह हमको मार कर चला जाता है क्या हम इतने कमजोर हो गए हैं। इन सब सवालों का जवाब किसको देना चाहिए राहुल गांधी को या झारखंड के मुख्यमंत्री को या फ़िर केंद्र की सत्ताधारी पार्टी मोदी जी को।
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