जनपद लखीमपुर-खीरी की
सदर कोतवाली मे महिला पत्रकार को किया गया अपमानित
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बरेली जनपद लखीमपुर खीरी जनपद में एक तेजतर्रार महिला पत्रकार को कोतवाली लखीमपुर खीरी सदर में अपमानित किया जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी सदर के पास अपराधी देखो घूम रहे हैं पुलिस वाले महिलाओं का उत्पीड़न करें जबकि शासनादेश है कोई भी फरियादी कोतवाली थाना चौकी जाए उसको सम्मान से विठाला जाए उसके बाद उसकी समस्या सुनी जाए निस्तारण किया जाए लेकिन लखीमपुर खीरी की बेलगाम पुलिस पुलिस का एक ही मूल मंत्र है कि मैं जो करूंगा वह सही है गलत करूंगा वह भी सही है चलिए यहां फरियादियों की बात को दरकिनार करते हुए फरियादियों की आवाज बंद खुद महिला पत्रकार को किस तरह से किया गया अपमानित उक्त प्रकरण पूरे प्रदेश में आग की तरह फैला हुआ है लेकिन कान में तेल डाले बैठे अधिकारी अभी तक उक्त प्रकरण में कोई भी बड़ी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं जोकि चिंता का विषय है बताते चलें
महिला पत्रकार सुनहरा लखनऊ से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र की ब्यूरो प्रमुख है जो मो0 शास्त्रीनगर घोसियाना की निवासिनी है जो दिनांक 25.05.2020 को कोतवाली में तैनात एक महिला महिला सिपाही के बुलावे पर लाक डाउन का पालन करती हुई सदर कोतवाली अपने रिर्पोटर जो त्रिकोलिया ग्राम का निवासी है के साथ गई थी महिला पत्रकार ने रिर्पोटर व एक अन्य पत्रकार नि0- मो0 गढ़ी रोड काशी राम कालोनी का है कोतवाली परिसर के आंगन में छोड अकेली महिला सिपाही से बात कर रही थी तभी बाहर शोर होता सुन जब महिला पत्रकार बाहर आयी तो देखा उपनिरीक्षक पान सिंह उन रिर्पोटरों को धमका रहे थे जिस पर महिला पत्रकार ने कहा कि ये मेरे साथ आये हैं और ये पत्रकार हैं इतना सुनते ही पान सिंह आग बबूला हो गये बोले तुम्हारे जैसे पत्रकारों को बहुत देखा है गेट आउट हो जाओ वरना फर्जी मुकदमा डाल लॉकअप में बन्द कर देंगे। सदर कोतवाल चन्द चाटुकार पत्रकार जो 10 घंटे कोतवाली में बैठकर अपनी दुकान चलाते हैं उनके द्वारा महिला पत्रकार के व्यक्तिगत जीवन पर कटाक्ष किया गया जिसे कोतवाल महोदय ने सुन महिला पत्रकार पर हंसते हुये खुद भी कहा बाहर जाओ उक्त घटना से महिला पत्रकार काफी भयभीत हो गई महिला पत्रकार ने तत्काल जनसुनवाई पोर्टल पर व महिला आयोग में शिकायत पंजीकरण की जिसकी शिकायत संख्या क्रमशः 40015320013243 व 2014110513592 है। महोदय उक्त घटना से महिला पत्रकार मानसिक रूप से टूट चुकी है क्यों कि वहां पर बैठे चाटुकार पत्रकार, कोतवाल की शह पर महिला पत्रकार को उसके रिर्पोटरों के सामने अपमानित किया गया। अब मामले को मोडकर महिला पत्रकार को और भी ज्यादा मानसिक पीडा दी जा रही है जैसे कोतवाल साहब का यह कहना मैं उक्त घटना के समय कोतवाली सदर में उपस्थित नही था पान सिंह का यह कहना कि तीन लोग अन्दर गये और वो सभी हिदायत नगर के थे जो सरासर गलत निराधार व असत्य है। कोतवाल मौजूद थे महिला पत्रकार महिला सिपाही के बुलावे पर अकेले अन्दर गई थी और कोई भी हिदायत नगर का निवासी नही था। ये महिला पत्रकार पर पुलिस द्वारा झूठे आरोप लगाये गये हैं जिनकी जांच में स्थिति स्पष्ठ हो जायेगी। उक्त घटना सुन शोशल मीडिया पर महिला पत्रकार को जबरदस्त समर्थन मिला गैर जनपदों में भी पत्रकारों ने ज्ञापन दिया। ज्ञापन दे महिला पत्रकार के समर्थन में होने का परिचय दिया। उक्त प्रकरण की जांच क्षेत्राधिकारी सदर के पास आई है विभाग सदैव विभाग का पक्ष लेता है इसलिये उक्त प्रकरण की जांच किसी सक्षम अधिकारी से करायी जाये अन्यथा कोतवाल अपने को बचाने में कामयाब हो जायेंगे। महिला पत्रकार निर्भीक पत्रकारिता भ्रष्टाचार पर प्रहार करती व पत्रकारिता के आस्तित्व पर खिलवाड करने वाले तथाकथित पत्रकारों पर खबर लिखना जिसमें उसकी जिले में एक अलग पहचान बनी है जिससे ईष्या मानकर कुछ पत्रकार महिला पत्रकार का मनोबल तोडने की कोशिश करते रहते हैं। जिससे पुलिस व अधिकारी उसे हलके में लेकर इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं। कोतवाली परिसर में इस तरह से महिला पत्रकार का अपमान करने वाले अगर इसी तरह करते रहे उन पर कार्रवाई नहीं हुई तो महिला वर्ग पत्रकार का मनोबल टूटेगा और इस तरह से भ्रष्ट कार्य शैली को अपनाने वालों का मनोबल बढ़ेगा जांच के बाद यह देखा जाए कि ऊंट किस करवट बैठता है खाकी खाकी का सपोर्ट करती है की अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने वाली निर्भीक पत्रकारिता की जिले के एक एकमात्र पत्रकारिता करने वाली महिला पत्रकार की खबरों में धार बढ़ेगी यह बातें भविष्य के गर्भ में हैं बाकी समय ही बताएगा
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