बहराइच। कोरोना वैश्विक महामारी कारण देश मे लाकडाउन का तीसरा चरण कल रहा है। बैंको से पैसे निकालने वालों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। ऐसी स्थिति में सरकारी बैंकों से ग्रामीणों का मोह भंग होने लगा है। चिलचिलाती धूप में पूरा दिन लाइन में खड़े बुज़ुर्ग, महिलायें, व आम खाताधारकों के धैर्य का बाँध अब टूटने लगा है। खाता धारकों का कहना है कि सरकार सभी के खातों में मोटी रकम भेज रही हैं इसीलिए लम्बी लम्बी लाइन लग रही है। जबकि यह अफवाह हैं।
इसी कारण लोगों का रुझान अब भारतीय डाकघर की सेवाओं की तरफ अग्रसर हो रहा है। गौरतलब है कि भारतीय डाकघर द्वारा नई स्कीम आईबीपीपी खाता के माध्यम से भारत सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा डिजिटल पेमेंट के लिए भारतीय डाक घर के माध्यम से इस योजना का शुभारंभ किया है। इस संबंध में भारतीय डाकघर के रुपईडीहा शाखा के पोस्ट मास्टर इंद्रजीत का कहना है कि सरकार की विभिन्न योजनाओं का पैसा अब सीधें खाता धारकों के खाते में आने की सरल प्रक्रिया का शुभारंभ किया गया है। ताकि ग्रामीणों को डोर टू डोर पेमेंट की सुविधा प्रदान किया जा सके। लेकिन आवश्यक है कि खाताधारकों का बैंक खातों के अंदर मोबाइल नंबर आधार कार्ड तथा बैंक के खातों का लेनदेन चालू हालत में हो। ऐसी स्थिति में ग्राहक अपने घर बैठे किसी भी बैंक का पैसा ₹10000 का भुगतान डाकघर के ग्रामीण पोस्ट मैन के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन अधिकांश खातों में लेन देन न होने के कारण परेशानी हो रही है क्यों कि खाता डेड पड़ा है।
यह देखा जा रहा है कि खाताधारकों ने काफी समय से लेन देन ही नहीं किया है। या तो मोबाइल व आधार कार्ड ट्रेडिंग बैंक के खातों के साथ नहीं किया गया है। जिसके कारण खाता काफी लंबे समय से बंद पड़ा हुआ है। आधार कार्ड व मोबाइल नंबर खातों लिंक नहीं कराया गया है। ऐसी स्थिति में पैसा निकालने में परेशानी हो रही हैं।
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