गोंडा : में यहां जिला महिला अस्पताल का हाल ही निराला है। फेयरवेल पार्टी के लिए अस्पताल की इमरजेंसी में ही ताला जड़ दिया जाता है। चिकित्सक व स्टाफ पार्टी का आनंद उठाते हैं जबकि महिला मरीज दर्द से तड़पती रहती हैं। लगभग एक घण्टे के इंतजार के बाद इमरजेंसी का ताला खोला जाता है। वह भी तब जब महिला मरीज इमरजेंसी के बाहर हंगामा करना शुरू कर देती हैं।
सोमवार दोपहर जिला महिला अस्पताल में यह नजारा देखने को मिला। बताया जाता है कि एक वार्ड आया के सेवानिवृत्त होने पर ट्रेनिंग सेंटर में फेयरवेल पार्टी रखी गई थी। दोपहर डेढ़ बजे के करीब महिला अस्पताल के एमसीएच विंग के इमरजेंसी में ताला जड़ दिया गया। यहां तक कि इमरजेंसी के बाहर भर्ती काउंटर पर तैनात समस्त स्टाफ भी काम छोड़कर पार्टी में शामिल होने चले गए। जिले के सुदूर क्षेत्रों से आईं महिला मरीज इमरजेंसी के ताला खुलने का इंतजार करती रहीं। वहीं इमरजेंसी में ताला लटकने की खबर से बेखबर सीएमएस डॉ. एपी मिश्रा भी पार्टी में मौजूद रहे।
एक घण्टे बाद खुला इमरजेंसी का ताला : दोपहर डेढ़ बजे बंद हुआ इमरजेंसी का ताला दोपहर ढाई बजे खोला गया। यह ताला तब खुला जब कई मरीज हंगामे पर उतर आए। वहीं लोगों के इमरजेंसी वार्ड में जड़े ताले की फोटो अफसरों को भेजने के बाद महिला अस्पताल प्रशासन के कान में जूं रेंगा। आनन फानन में इमरजेंसी का ताला खुलवाया गया।
बोली महिला मरीज : दर्द से तड़पना और इंतजार करना मजबूरी
गोण्डा। इमरजेंसी में ताला लटकने से महिला मरीजों में खूब गुस्सा देखा गया। महिलाओं ने कहा कि दर्द से तड़पना और इंतजार करना हम सबकी मजबूरी बन गया है। अलावल देवरिया के बैजपुर से मरीज लेकर आई शाहीन बानो बताती हैं कि उनके मरीज की डिलीवरी होने वाली है। भर्ती कराना बहुत जरूरी है, मरीज को दर्द भी बहुत हो रहा है लेकिन एक घण्टे से इमरजेंसी में ताला लटकने व स्टाफ के नदारद रहने से मरीज दर्द से तड़पने को मजबूर हैं। वहीं वजीरगंज से आईं शालिनी सिंह बताती हैं कि वह खुद को दिखाने के लिए डेढ़ बजे से इमरजेंसी के बाहर बैठी हुई हैं। लगभग एक घण्टा हो गया लेकिन कोई भी देखने वाला नहीं है। मनकापुर से आईं शोभावती बताती हैं कि वह अपनी बहू शकुन्तला को प्रसव पीड़ा होने के कारण यहां लेकर आईं हैं। चिकित्सक व स्टाफ के न होने के कारण अपने मरीज को बाहर बैठा दिया है, जो दर्द से तड़पती रही। करनैलगंज की शोभा, उमरी की लाजवंती, इटियाथोक की रेखा, झिलाही की रामावती भी इमरजेंसी में ताला लगा होने से काफी गुस्से में थीं और जिम्मेदारों को कोस रही थीं।
आशा कार्यकर्त्री नर्सिंगहोम की दिखाती रहीं राह : इमरजेंसी में ताला लटकना आशा कार्यकर्त्री के लिए एक तोहफे से कम नहीं था। कई कार्यकर्त्रियां तो आने वाली गंभीर मरीजों को नर्सिंग होम की राह दिखाती देखी गईं। चिकित्सक और स्टाफ के पार्टी में जाने व घण्टों न मिलने की बात कहकर वह मरीजों के परिजनों को भड़का कर बगल के नर्सिंगहोम में चले जाने की सलाह देती देखी गईं।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महिला अस्पताल ने डॉ. एपी मिश्रा ने कहा कि इमरजेंसी में ताला बंद कर पार्टी में शामिल होना गलत है। मैं दोपहर में कुछ कार्य के लिए जिला अस्पताल चला आया था, हो सकता है कि उस दौरान यह घटना हुई हो। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच कराऊंगा। उस दौरान ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक व स्टाफ नर्स से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। लापरवाही किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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