गोंडा : आये दिन प्रशासन और परिवहन विभाग के अफसरों से जिले के विभिन्न मार्गों पर प्राइवेट बसों के डग्गामारी करने की शिकायत परिवहन निगम की ओर से की जाती रही हैं। लेकिन परिवहन विभाग के आंकड़े बतातें हैं कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसें खुद ही डग्गामारी कर रही हैं। जितनी बसों के पास परमिट हैं, उससे दोगुनी संख्या में रोडवेज बसें डग्गामारी कर रही हैं। इसी मामले को लेकर कई बार निजी बस संचालकों और परिवहन निगम के कर्मचारियों के बीच विवाद भी हो चुके हैं।
बता दें कि बसों को सड़क पर चलाने के लिए रूट परमिट की आवश्यकता होती है। जिसके मुताबिक ही रूट पर बसों का संचालन किया जाता है। किसी भी टैक्सी या फिर बसों की ओर से संबंधित रूट परमिट के अलावा किसी भी रूट पर बसों का संचालन अवैध है। परिवहन विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो यहां 64 बसें परिवहन निगम की पंजीकृत हैं लेकिन परमिट केवल 26 बसों का ही है। इसके बावजूद परिवहन निगम की मनमानी जारी है।
हाल ये है कि निजी वाहनों और बस संचालकों पर कार्रवाई का हंटर चलाने वाले परिवहन विभाग के अधिकारी इस ओर से भी अपनी आंखें मूूदे हुऐ हैं। परिवहन विभाग के प्रवर्तन अफसरों की ओर से कभी भी परिवहन निगम की बसों के ऊपर कार्रवाई नहीं की जाती है। बस संचालकों का दावा है कि परिवहन निगम अपने परमिट शर्तों का उल्लंघन करके बसों का संचालन करता है।
राष्ट्रीय रूटों पर परमिट की आवश्यकता नहीं
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को राष्ट्रीय रूटों पर परमिट की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए जो बसें नेशनल हाइवे पर चलती हैं, उन्हें परमिट से मुक्त रखा गया है। स्थानीय रूटों पर चलने वाली रोडवेज बसों को संबंधित परिवहन कार्यालय से परमिट लेकर ही संचालित किया जाता है। कुछ बसें हो सकती हैं जिनका परमिट पेंडिंग हों। -प्रभाकर मिश्रा, क्षेत्रीय प्रबंधक
बसों की स्थिति
कुल रोडवेज बसें 94
निगम की बसें 82
गोंडा में बसों के पास परमिट 26
अनुबंधित बसें 12
एसी बसें 04
फिटनेस को लेकर होती है कार्रवाई
परिवहन निगम की बसों के परमिट को लेकर कोई सटीक आकलन विभाग के पास नहीं होता है। जो भी प्रवर्तन की कार्रवाई होती है वो रोडवेज बसों की फिटनेस को लकर होती हैं।
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