बहराइच जिले : में कलेक्ट्रेट स्थित धरना स्थल पर मंगलवार को सुबह से ही शिक्षकों का जमावड़ा शुरू हो गया। पूर्वान्ह 11 बजते ही संघ के पदाधिकारियों समेत लगभग 200 शिक्षक धरना स्थल पर पहुंच गए।
मंच से आवाज दो हम एक हैं का नारा बुलंद किया। धरना स्थल पर मौजूद शिक्षकों ने जोरदार आवाज में उनका समर्थन किया। शिक्षकों के नारे से पूरा परिसर गुंजायमान हो गया। जैसे जैसे घड़ी की सुइयां बढ़ रही थी, मौसम भी अपना मिजाज बदल रहा था। इसके साथ ही धरना स्थल का माहौल भी गर्म हो रहा था। 12 बजते-बजते धरना स्थल शिक्षकों से खचाखच भर गया। मंच से लगातार नारे लगाए जा रहे थे।
मंच से शिक्षक संघ के चितौरा ब्लाक अध्यक्ष की जोश से भरी पंक्तियों- ‘अभी अफताब की राख में जलना है हमें, चांद की दुआ न कर वो तो रात में निकलता है,’ ने प्रदर्शन में जान फूंक दी। पूरा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। संघ के फखरपुर महामंत्री तनवीर आलम ने शिक्षकों की समस्याओं पर बोलते हुए कहा कि शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की तरह कैशलेस चिकित्सा की सुविधा दी जानी चाहिए। अपरान्ह एक बजते बजते परिसर शिक्षकों से भर गया। मंच से कमान संभालते हुए शिक्षिका रश्मि ने दूर दराज से आई शिक्षिकाओं पर कविता सुनाई। उन्होंने कहा – ‘कर कर के जाफर अब तो परेशान हो गए, चेहरे पर थकान और पांव में निशान हो गए, बच्चे भी अब पूछते हैं कब आओगे कहां, अपने ही घर में हम मेहमान हो गए। धरना प्रदर्शन में कई अन्य शिक्षकों ने भी अपने विचार रखे। नारों और विचारों के साथ पूरी गर्मजोशी से धरना प्रदर्शन पूरा दिन चलता रहा।
छोटे बच्चों को गोद में लिए नजर आईं शिक्षिकाएं
धरना प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए भारी संख्या में शीक्षिकाएं भी आई थीं। जिनमें से कुछ के साथ छोटे बच्चे भी थे। इन शिक्षिकाओं के जोश में भी कोई कमी नहीं दिखी। शिक्षिकाएं बच्चों को गोद में लेकर अपनी आवाज बुलंद करती देखी गईं।
बहराइचः जोश व नारों के साथ दिन भर चला शिक्षकों का
चलती रही चाय पर चर्चा
एक ओर जहां धरना प्रदर्शन पूरे जोश के साथ चल रहा था, वहीं कुछ अध्यापक नीबू वाली चाय की चुस्कियों के साथ चर्चा करते भी देखे गए। चाय वाले को शिक्षकों ने घेर रखा था। कोई इधर से तो कोई उधर से आवाज दे रहा था। चाय की चुस्कियों के साथ आगे की कार्ययोजना पर चर्चा हो रही थी।
एक ओर जहां धरना स्थल पर शिक्षकों का प्रदर्शन चल रहा था, वहीं दूसरी ओर बाहर वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई थी। रेंगते वाहनों के बीच एक एम्बुलेंस भी फंसी नजर आईं। लंबे जाम के बीच धीरे – धीरे किसी तरह एम्बुलेंस निकाल पाई।
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