यूपी : मंगलवार को यदि प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों ने स्कूल या पढ़ाई को बंद कराने का प्रयास किया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भेजे हैं। 21 जनवरी को प्राथमिक स्कूलों के लगभग 3.50 लाख शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर सामूहिक अवकाश पर जाने की घोषणा की है।
रेणुका कुमार ने कहा है कि यदि स्कूलों के संचालन में किसी भी किस्म की बाधा पैदा की गई या पठन-पाठन में व्यवधान उत्पन्न किया गया तो संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाए। दूसरी तरफ, प्रदेश के लगभग 1.50 लाख शिक्षामित्रों और 30 हजार अनुदेशकों ने स्कूलों को खोलने और पढ़ाई करवाने संबंधी पत्र महानिदेशक स्कूली शिक्षा को सौंपा है। वहीं सभी जिलों में स्कूलों को अनिवार्य रूप से खोलने और पढ़ाई करवाने के निर्देश पहले ही दिये जा चुके हैं।
स्कूल की चाबी नहीं दी तो होगी कार्रवाई होगी जिलों में बीएसए ने खण्ड शिक्षा अधिकारियों को इस सामूहिक अवकाश से निपटने के लिए शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को स्कूल चलाने के निर्देश देने के लिए आदेश जारी किए हैं। शिक्षकों को सामूहिक अवकाश के लिए भी ऑनलाइन आवेदन करना होगा। वहीं स्कूल की चाबी सौंपने व अन्य कामों की जिम्मेदारी के लिए शिक्षा मित्रों व अनुदेशकों को निर्देश दिये हैं। यदि स्कूल की चाबी प्रधानाध्यापक या शिक्षक नहीं सौंपेंगे तो इसे सरकारी काम में बाधा डालने की श्रेणी में रखते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ये हैं शिक्षकों की मांग की हर स्कूल में प्रधानाध्यापक, हर कक्षा के लिए एक शिक्षक, पुरानी पेंशन योजना, हर स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, बच्चों के लिए आधारभूत सुविधाएं, फर्नीचर, एसीपी, कैशलेस इलाज, परिवार नियोजन भत्ते की बहाली, मृतक आश्रितों को शिक्षक के पद पर नियुक्ति व राज्य कर्मचारियों की तरह उपार्जित अवकाश।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






