यह मामला आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज का है विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति जेएस संधू की अगुवाई में 8 दिसंबर 2018 को विश्वविद्यालय ने प्रसार निदेशक पद के लिए विज्ञप्ति जारी किया था जिसमें पीएचडी/ कृषि विज्ञान/ पशुपालन विज्ञान/कृषि प्रौद्योगिक का प्रख्यात प्रसार वैज्ञानिक में 12 वर्ष का प्रसार सेवा में अनुभव प्रतिष्ठित संस्थान विश्वविद्यालय में कृषि पशुपालन/ कृषि प्रौद्योगिकी में अनुभव, प्रसार कार्यक्रम को आयोजित करने एवं दिशा निर्देश देने की क्षमता, प्रसार गतिविधियों के लिए प्रकाशन दस्तावेज का साक्ष्य,प्रसार प्रबंधन के जे नेतृत्व का साक्ष्य, दृष्टिकोण उपरोक्तत शैक्षिक प्रमाण पत्र एवं अनुभव मांगा गया था।
इन सब बातों को दरकिनार करते हुए विश्वविद्यालय ने मत्स्य प्रोफेसर एपी राव की नियुक्ति प्रसार निदेशक पद पर कर दिया। जबकि राव के पास जंतु विज्ञान की डिग्री है और मत्स्य के प्रोफ़ेसर है इनकी नियुक्ति किस आधार पर कर दी गई यह सोचने का विषय है।
आपको बताते चलें कि विश्वविद्यालय एक्ट की पृष्ठ संख्या 20 पर अंकित किया गया है कि प्रसार निदेशक तकनीकी रूप से कृषि में दक्ष होना चाहिए फिर भी इन सब बातों को दरकिनार करते हुए मत्स्य प्रोफेसर एपी राव की नियुक्ति कर दी गई है जिससे विश्वविद्यालय का प्रसार कार्य सही दिशा की ओर नहीं जा पा रहा है।
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