बहराइच। इस्लाम के अधितर लोग ये मानते है तस्वीरे खीचना जायज नहीं जबकि कुछ लोग यह भी मानते है कि जरुरत पड़ने पर तस्वीरें खीचना गलत नहीं। शयद यही कारण है की मौलाना कारी ज़ुबैर ने भी मीडिया कर्मियों को फोटो खीचने से मन नहीं किया आपको बता दें कि मुल्क में तेजी से पनप रही नफरत पर संजीदगी से विचार विमर्श कर इसे समाप्त कराने कोशिस में जमीयतुल उलमा ए हिन्द ने मुल्क की सलामती और समाजी बहबूदी के लिये मुकामी नगर पालिका ग्राउंड में एक दिवसीय अमन व एकता कॉन्फ्रेंस आयोजित किया जिसकी सदारत जिले के मशहूर व मारूफ बुजुर्ग आलमेदीन व जमीयतुल उलमा ए हिन्द के जिला सदर हजरत मौलाना कारी ज़ुबैर अहमद कासमी ने किया जबकि महमान खुशुसी के तौर पर जमीयतुल उलमाए हिन्द के सूबाई सदर हजरत मौलाना मतीनुल हक उसामा कानपुरी मौजूद रहे। अमन व एकता के इस कॉन्फ्रेंस को सभी धर्म और फिरके के धर्म गुरुओं ने खिताब किया। कॉन्फ्रेंस को खिताब करते हुये फादर डेन डिसूजा प्रिंसिपल सेन्ट नारबर्ट स्कूल बहराइच ने अपने शब्दों में इंसानियत और इन्सान के बीच प्रेम और सदभाव का जिक्र करते हुये बताया कि कोई भी धर्म नफरत का पैगाम नही देता है और इंसानों से प्रेम करना ही धर्म कहलाता है। मौलाना जफर कमाल ने बताया कि इस्लाम अमन का पैगाम देता है और कुरआन के हवाले से ये पैगाम दिया गया है कि मजलूमों की मदद करो और उनके बुरे वक्तों में उनके साथ खड़े रहो, उन्होंने मजीद कहा कि दूरियाँ बदगुमानी को पैदा करती है,हमें इंसानियत को आम करना चाहिये, हम सब के लिये यही आसमानी तालीम है। श्रावस्ती तपोस्थली के बौद्ध धर्म गुरु भन्ते देवेंद्र जी ने कहा कि बौद्ध धर्म मे भी इंसानियत का प्रसार किया गया है और गौतम बुद्ध ने भी हमे प्रेम का ही सन्देश दिया है। उन्होंने बताया कि गौतमबुद्ध ने अपने उपदेश में कहा है कि धर्म इन्सान के लिये है और अब ये सवाल पैदा होता है कि धर्म हमारे लिये है या हम धर्म के लिये हैं,बल्कि धर्म इंसानियत के लिये है। ये विश्व हमारा परिवार है। धर्म हमें इस संसार से पार जाने के लिये है। मौलाना इरफान कासमी देवबंद ने बताया कि इस्लाम अमन, सलामती,अदल व इंसाफ और मोहब्बत की तालीम देता है। स्थानीय मिशन चर्च के पादरी फादर संजय भोसले ने कहा कि अमन की बात तो खूब की जाती है लेकिन कोई ये नही बताता कि अमन कैसे कायम होगा,अमन मोहब्बत से आता है,मोहब्बत न होने से परिवार व समाज मे एकता सम्भव नही है। उन्होंने आगे बताया कि स्वर्ग और जन्नत एक है जहां सभी को एक साथ रहना है लेकिन जब हम यहां एक नही रह सकते तो वहां कैसे रहेंगे,ऐसे में हमें यहां भी एक रहने के लिये प्रेम,मोहब्बत व एकता के साथ रहना चाहिए। इसी तरह सिद्धनाथ पीठ के महंत व धर्म गुरु महा मण्डलेश्वर श्री श्री गिरी जी महाराज से अपने सम्बोधन में जमीयतुल उलमा की इस पहल का स्वागत करते हुये इन्सान को इन्सान से प्रेम करना और एकता और सदभाव को बढ़ाना धार्मिक अनुष्ठान करार दिया और आजके के इस प्रोग्राम के सफल आयोजन के लिये कारी ज़ुबैर साहब को बधाई भी दी। इस प्रोग्राम में शिरकत करने आये मुरादाबाद के मौलाना मोहम्मद असजद कासमी ने कहा कि इन्सान इस कायनात का सबसे कीमती वजूद है। इस्लाम ने दूसरों पर रहम करने का पैगाम दिया गया है और अपनी जात से किसी को कोई नुकसान न पहुंचे और अपने कामों से लोगों को फायदा पहुंचाए और अपने किरदार से आगे बढ़ कर उनको नफा पहुंचाना चाहिये, यही इंसानियत और इस्लाम का फरमान है। किरदार का सबक गुफ्तार के सबक से ज्यादा मजबूत होता है। मुल्क की मौजूदा सूरत हाल पर तब्सिरह करते हुये महमान खुशुसी सूबाई सदर जमीयतुल उलमा मौलाना मतीनुल हक उसामा ने कहा कि कुरआन अल्लाह की किताब है और इसे अल्लाह पाक ने सारी इंसानियत के लिये उतारा है इस पर अकेले किसी एक कौम का ही हक नही है,इसी तरह नबी ए करीम हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल लाहो अलैह वसल्लम पूरी इंसानियत के नबी व रसूल हैं। उन्होंने कहा कि आज का ये प्रोग्राम मुल्क में फैल रही नफरत को उखाड़ने के लिये जमीयतुल उलमा ए हिन्द ने मिशन के तौर पर शुरू किया है जिसका आगाज़ बीते 5 अगस्त को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से किया गया है जो दिल्ली से चल कर आज आपके पास यहां पहुंची है। हमे इस नफरत को उखाड़ फेंकना है और इसके लिये नफरत करने वाले को बुरा मत कहो,नफरत एक मर्ज है,इसे दूर करने के लिये हमें कोशिस करनी होगी नही तो ये ये इस मुल्क रूपी इंसान को अपाहिज और विकलांग बना देगा। ये मुल्क हमारा है और हम अपने मुल्क को लंगड़ा नही होने देगे। नफरत का जवाब हमे नफरत से नही मोहब्बत से देना होगा तभी हम अपने इस मुल्क को साल्ह बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि ” लाख तलवार उठे फिरकापरस्ती के मगर, ए वतन हम तेरे टुकड़े नहीं होने देंगे। ”इस दौरान कारी ज़ुबैर अहमद कासमी ने अपने सदारती कुतबात में मुल्क में मोहब्बत का पैगाम देते हुये इंसान को इंसान से भाई चारगी और एकता के साथ रहने व बसने पर रौशनी डाली। इस प्रोग्राम के तहत उन्होंने कांफ्रेंस में शिरकत करने वाले सभी वक्ताओं को शाल ओढ़ा कर उनका इस्तकबाल बाल किया वहीं मण्डलेश्वर महंत गिरी जी महाराज ने कारी साहब को भी शाल ओढ़ा कर इस पहल के लिये बधाई दी और उन्हें सम्मानित किया। इस प्रोग्राम में भारी संख्या में शामईनों के अलावा शहर की जानी मानी हस्तियों ने भी शिरकत की जिनमे खासतौर से प्रबन्ध समिति अध्यक्ष दरगाह शरीफ शमसाद अहमद,पूर्व चेयरमैन हाजी रेहान,तेजे खान,अब्दुल्ला भट्टे वाले,कुलदीप यादव,डॉक्टर आलम सरहदी आदि लोग भी मौजूद रहे।
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