बहराइच। जनसमुदाय को टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिले में 12 से 22 अक्टूबर 2019 तक संचालित “सक्रीय टीबी रोगी खोजी अभियान” (ए.सी.एफ.) चलाया जा रहा है। अभियान के सफल संचालन एवं लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत आबादी तक विभाग की पहुँच को सुनिश्चित करने हेतु राज्य क्षय रोग विभाग की टीम ने जिले का भ्रमण कई गाँवों में जाकर अभियान का गहनता से जायज़ा लिया। स्वास्थ्य भवन लखनऊ से सीआरएम टीम के साथ संयुक्त निदेशक डाॅ. अरविंद कुमार व जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ. संदीप मिश्रा ने ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर सघन क्षय रोगी अभियान का निरीक्षण किया। निरीक्षण के लिए गये अधिकारियों ने टी.बी. यूनिट ब्लाक बाबागंज सीएचसी चरदा के किंगरियन पुरवा एवं पुरानी बाजार में टी.बी. मरीजो के घर जाकर उनका सत्यापन किया और ग्रामीणों से सरकार द्वारा टी.बी. के मरीजो को दी जा रही समस्त सुविधाओं तथा बीमारी से बचाव के उपाय बताये। इसके अलावा उन्होंने सम्बन्धित डी.एम.सी. पर पहुंचकर स्लाइडों की चेकिंग भी की। जॉच में पाया गया कि टीमें बनाये गये माइक्रोप्लान के अनुसार चल रही है तथा प्रशिक्षित कर्मी ही उक्त कार्य में लगाये गये है, जिसके लिये टीमों की सराहना की गयी। अभियान के अन्तर्गत अब तक 3.04 लाख जनसंख्या की स्क्रीनिंग टीमों द्वारा की गयी है जिसमें कुल 908 बलगम जॉच हेतु एकत्र किये गये। जॉच में 20 नये मरीज मिले हैं तथा 12 मरीज अब तक औषधि पर रक्खे जा चुके हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संदीप मिश्रा ने बताया इस अभियान के तहत जनपद की कुल जनसंख्या की 10 प्रतिशत आबादी 4 लाख को कवर करने का लक्ष्य विभाग द्वारा रखा गया है। इसमें स्लम एरिया, दुर्गम क्षेत्र कुपोषित आबादी, सघन आबादी, ईंट-भटटा तथा हाई रिस्क ग्रुप को शामिल किया गया है। शहरी क्षेत्र को छोड़कर सभी ब्लॉकों पर कार्यक्रम चल रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों की 160 टीमें बनायी गयीं हैं। प्रत्येक टीम में तीन-तीन सदस्य हैं, जो चयनित क्षेत्र में घर-घर जाकर टी.बी. के लक्षणों व बचाव के बारे मे लोगों को जागरुक करती हैं। संदिग्ध लोगों का बलगम एकत्र कर टीम के सदस्यों द्वारा नजदीकी केन्द्र पर जांच हेतु भेज दिया जाता है। टी.बी. घोषित होने पर उनका दो दिवसों के भीतर इलाज आरम्भ कर दिया जाता है तथा निःक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत प्रतिमाह पाँच सौ रुपये दी जाने वाली धनराशि हेतु उनके नाम को निःक्षय पोर्टल पर अपलोड करने की कार्यवाही भी की जा रही है। अभियान अन्तर्गत लगायी गयीं टीमों के कार्यों के सत्यापन हेतु प्रत्येक 05 टीम पर एक सुपरवाइजर बनाये गये हैं जिनकी कुल संख्या 32 है। क्षय रोग के बारे में जानकारी देते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ. संदीप मिश्रा ने बताया कि टी.बी. का वैक्टीरिया शरीर के जिस भाग में होता है, उसके टिशू को पूरी तरह नष्ट कर देता है। टीबी गर्भाशय में है तो बांझपन की वजह बनती है। हड्डी में है तो हड्डी को गला देती है। ब्रेन में है तो मरीज को दौरे पड़ सकते हैं। आंतों में है तो पेट में पानी भर सकता है। किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से खांसी और खांसी के साथ बलगम या खून आना, भूख नहीं लगना, शरीर का वजन घटना, शाम या रात के समय बुखार आ जाना, सीने में दर्द का होना लक्षण हैं तो उसे टीबी हो सकती है। आंत की टीबी के लक्षण में पेट में दर्द का होना, पेट में सूजन आना एवं आंत का फट जाना है।
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