बहराइच। 21अक्टूबर को जनपद की बलहा सु0विधानसभा क्षेत्र के लिये होने वाले उप चुनाव को अपने पाले में लाने के लिये सत्ताधारी भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है और अब तक के चुनाव प्रचार में प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने अपनी इस सीट को सँजोये रखने के लिये दो दो दौरे कर चुके है वही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सत्यदेव सिंह भी दो बार यहां आ चुके हैं वहीं स्वाति सिंह समेत करीब आधा दर्जन अन्य मंत्रियों व पार्टी पदाधिकारियों ने अपनी इस पारम्परिक सीट को अपने पास बरकरार रखने के लिये इस पिछड़े जंगली इलाके की खाक छान चुके हैं, इसी क्रम में भाजपा के स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज क्षेत्र के उर्रा में एक चुनावी जनसभा के माध्यम से मतदाताओं की रिझाते हुये एक बार फिर लोगों को याद दिलाया कि पूर्वांचल के विकास में जो रोड़े आते रहे हैं हमारी सरकार उनको दूर कर इसके विकास के प्रति काफी गम्भीर है और भाजपा की केन्द्र व प्रदेश की सरकारों ने जनता के सुख दुख का ध्यान रखते हुये उनको धरातल पर उतार कर सबका साथ सबका विकास को परवान चढ़ाया है। उन्होंने आगे कहा कि वह चाहे जनधन विकास योजना हो,चाहे ग्रामीण व शहरी आवास योजना रही हो,चाहे उज्ज्वला योजना हो या अन्य योजना हो,इन सभी का लाभ सभी नागरिकों को उनकी पात्रता के आधार पर मिला है और आगे भी हम ऐसी योजनाओं को महत्व देते हैं जिसमे जनता का हित और विकास निहित है। योगी आदित्यनाथ ने विपक्षियों को आड़े हाथों लेते हुये उनकी कमियों के जहां बखान लगाया वहीं अपनी सरकार की नीतियों की जमकर तारीफ की भले ही उनकी इस बात में कोई सच्चाई न हो लेकिन फिर भी अपनी प्रतिष्ठा को बचाये रखने के लिये भाजपा पूरी ताकत लगा रही है। आजके इस कार्यक्रम में योगी के साथ प्रदेश अध्यक्ष सत्य देव सिंह, संसद बृज भूषण शरण सिंह,अक्षयबर लाल गौड़,कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा,विधायक सुरेश्वर सिंह,सुभाष त्रिपाठी आदि लोग मंचासीन दिखाई दिये। यहां एक बात बताते चले कि भाजपा के शासन में आने के बाद से ये क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है और यहां से सावित्री बाई भाजपा टिकट पर विधायक और संसद रह चुकी हैं तो अक्षयबर लाल भी इस सीट से विधायक रहने के साथ साथ सांसद बन कर केन्द्र में इसका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं लेकिन सबसे खास बात ये है कि भाजपा की ओर से सरोज सोनकर के मैदान में आ जाने से यहां का चुनावी काफी रोचक भी हो गया है और शायद यही वजह भी है कि सभी राजनैतिक पार्टियाँ इसे अपनी ओर मोड़ने का प्रयास कर रही हैं। वैसे तो इस चुनाव के लिये करीब एक दर्जन प्रत्याशी मैदान में है जिनमे करीब आधा दर्जन महिलाएं है लेकिन तीन प्रमुख महिला उम्मीदवारों के बीच त्रिकोणीय संघर्ष का चुनाव घूमता नजर आ रहा है। इस चुनाव के लिए एक खास बात ये भी है कि भाजपा ने बाहरी प्रत्याशी को मैदान में उतार कर गुपचुप तरीके से भाजपा में भितरघात की संभावनाएं बढ़ा दी है। इस चुनाव के नतीजे कुछ भी हों लेकिन चुनाव काफी रोचक हो चला है।
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