बहराइच। नेशनल लाइव स्टाक मिशन अन्तर्गत पशुधन विकास एवं कृत्रिम गर्भाधान विषयक पांच दिवसीय जनपद स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी अरविन्द चैहान ने शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्री चैहान ने कहा कि वर्तमान परिवेंश मे पशुपालन विभाग का महत्व काफी बढ़ गया है जिसके लिए आवश्यक है कि विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को तकनीकी रूप से दक्ष किया जाये। तकनीकी दक्षता के विकास के लिए ऐसे आयोजन बहुत उपयोगी है। श्री चैहान ने कहा कि भारत सरकार द्वारा नीति आयोग मंे पशुपालन विभाग से दो सूचकांक पशुओं का टीकाकरण एवं कृत्रिम गर्भाधान को लिया गया है। आकांक्षात्मक जनपद बहराइच में नीति आयोग द्वारा निर्धारित इण्डीकेटर्स को परा करने की जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों की है। सीडीओ ने कार्यक्रम में मौजूद सभी सम्बन्धित का आहवान किया कि पूर्ण मनोयोग से प्रशिक्षण प्राप्त कर क्षेत्रों में जाये ताकि अधिक से अधिक पशुपालकों को विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ मिल सके। श्री चैहान ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में पशुपालन का भी अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. बलवन्त सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा उ.प्र. लाइव स्टाक डेवलवमेन्ट मिशन के माध्यम से त्रिस्तरीय प्रशिक्षण/जागरूकता अभियान चलाया गया है। जिसके तहत प्रथम चरण मे प्रत्येक जनपद से दो पशु चिकित्सा विदो को चयनित कर उन्हे 05 अगस्त से 09 अगस्त, 2019 तक पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा महाविद्यालय मथुरा मे प्रशिक्षण दिया गया है। इन प्रशिक्षित पशु चिकित्साविदो द्वारा 09 से 13 सितम्बर तक चार पशु चिकित्साविदो को प्रशिक्षित किया गया है। डा. सिंह ने बताया कि द्वितीय चरण मे 16 से 20 सितम्बर 2019 तक जनपद स्तर पर 02 पशु औषधिक, 12 पशुधन प्रसार अधिकारियो, 05 चतुर्थ श्रेणी एवं 09 पैरावेटो को प्रशिक्षित करने हेतु यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है। उन्होंने बताया कि तृतीय चरण में प्रशिक्षित अधिकारियों/कर्मचारियो द्वारा तहसील स्तर पर कुल 172 प्रगतिशील किसानों/पशु पालको को प्रशिक्षित किया जायेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सर्वप्रथम मास्टर ट्रेनर डाॅ. प्रवेश मिश्रा द्वारा पावर प्वाईन्ट प्रेजेंटेशन द्वारा प्रोजेक्टर के माध्यम से देश मे पशुधन के आंकड़ों को प्रदर्शित बताया गया कि मुख्यतयाः विश्व मे भारत मे पशुओं की संख्या सबसे अधिक होने के बाद भी औसत दुग्ध उत्पादन कम है तथा वर्तमान मे प्रति व्यक्ति 285 एम.एल. दूध, 30 ग्राम मांस एवं एक अण्डा प्रतिदिन की आवश्यकता है। जिसके स्थान पर प्रदेश मे 359 एम.एल. प्रति व्यक्ति दूध उपलब्ध है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उप मुख्य पशु चिकित्सधिकारी महसी डाॅ. एस.एन. यादव द्वारा पशु पोषण, समय-समय पर दिये जाने वाले संतुलित आहार कैसे और किस मात्रा मे दिया जाये तथा तथा पशु उत्पादकता में हरे चारे के महत्व पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी।
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