बहराइच। डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु मानसून एवं मानसून के पश्चात जिलों में आवश्यक कार्यवाही/तैयारी किये जाने के निर्देश शासन स्तर से प्राप्त हुए हैं। डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों के रोकथाम एवं बचाव तथा नियंत्रण के सम्बन्ध में शासन की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि मानसून एवं मानसून के पश्चात डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों की व्यापकता सर्वाधिक बढ़ जाती है जिसके कारण डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों से प्रदेश में काफी जनहानि होने की संभावना रहती है। शासन की ओर से सुझाव प्राप्त हुआ है कि डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों के संचरण पर प्रभावी नियंत्रण तथा आउटब्रेक अथवा महामारी जैसी स्थिति उत्पन्न न होने देने हेतु जिला टास्क फोर्स कमेटी के माध्यम से सभी आवश्यक प्रबन्ध सुनिश्चि कराये जायें। प्रत्येक रविवार को मच्छर रोधी दिवस के रूप में मनाया जाय। शासन की ओर से सुझाव दिया गया है कि समस्त विद्यालयों में एक अध्यापक को उपरोक्त विषय की जानकारी देने हेतु नामित किया जाये। जो बच्चों को डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों के बचाव एवं नियंत्रण के लिए ‘‘क्या करें और क्या न करें’’ से सम्बन्धित जानकारी प्रार्थना/असेम्बली में देंगे। साथ ही रोग वाहक मच्छरों की वृद्धि के लिए उपयुक्त परिस्थितियों को नगण्य करने के लिए छात्रों को जागरूक करने के साथ ही विद्यालयों में समुचित साफ-सफाई भी रखी जायेगी तथा मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट किया जायेगा। छात्र-छात्राओं को पूरी आस्तीन के कपड़े/ड्रेस पहनने (विशेषकर वर्षा ऋतु) पर बल दिया जायेगा तथा माध्यमिक व उच्च शिक्षा के विद्यालयों में डेंगू रोधी टोली बनाकर नाटक, सेमिनार एवं संगोष्ठी के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जायेगा। विद्यालय से अनुपस्थित बच्चों में यदि कोई ज्वर से पीड़ित है तो विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा इसकी सूचना मुख्य चिकित्साधिकारी को उपलब्ध करायेंगे। जल संस्थानों एवं नगर निकायों से अपेक्षा की गयी है कि शहर में बने ओवर हेड टैंक की नियमित सफाई होती रहे तथा टंकियों के ढक्कन एयर टाईट बनाये जायें। रोग वाहक मच्छरों के पैदा होने की परिस्थितियों को नगण्य करने हेतु जनसामान्य को जागरूक करने, सफाई एवं कूड़ा निस्तारण के माकूल बन्दोबस्त, नालियों में एकत्रित जल का बहाव सुनिश्चित करते हुए जल एकत्रित न होने हेतु कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। नगर निकायों से प्रख्यापित उपविधियों (बाईलाज) का कड़ाई के साथ अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय साथ ही बहुखण्डी आवासों के स्वामियों को रोग वाहक मच्छर प्रतिरोधी उपाय अपनाने को कहा जाय। डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए मलिन बस्तियों में जल संग्रहित करने के व्यवहार को न्यूनतम कराया जाये। जिन क्षेत्रों में वेक्टर जनित रोगों के मरीज़ पाये जायें वहाॅ प्राथमिकता के आधार पर फाॅगिंग कराये जाने की व्यवस्था की जाये। नगर निकायों को यह भी सुझाव दिया गया है कि स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर मच्छरजनित परिस्थितियों को समाप्त करने हेतु एकीकृत कार्यवाही सुनिश्चित करें। मच्छर जनित परिस्थितियों को समाप्त कराने हेतु निरीक्षण किये जायें तथा मच्छरों का प्रजनन पाये जाने पर दोषी को दण्डित किया जाये। डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया है कि चिकित्सालय परिसर एवं उसके आस-पास आवासीय भवनों में जल भराव की स्थिति उत्पन्न न होने दें साथ ही चिकित्सालयों में 10 बेड का मच्छरदानी युक्त आइसोलेन वार्ड डेंगू रोगियों के लिए आरक्षित रखें एवं वार्ड के दरवाजों एवं खिड़कियों में जाली लगवाने की व्यवस्था भी की जाय। चिकित्सालय में स्थापित ‘‘फीवर हेल्प डेस्क’’ पर उपलब्ध कर्मी को निर्देशित किया जाये कि वह बुखार से पीड़ित रोगियों को सहायता उपलब्ध कराने हुए रोगी और उसके तीमारदारों को बचाव एवं नियंत्रण के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग में उपलब्ध सुविधाओं की भी जानकारी उपलब्ध करायेंगे। डेंगू जाॅच की पुष्टि हेतु रक्त का नमूना सेन्टीनल सर्विलेन्स लैब को रोगी का पूरा नाम, पता, मोबाइल नम्बर आदि के साथ उपलब्ध कराया जाय तथा पुष्ट रोगी का विवरण सीएमओ कार्यालय को प्रेषित किया जाय। सभी चिकित्सालयों में प्रचुर मात्रा में दवाओं की उपलब्धता बनाये रखी जाये तथा चिकित्सालय परिसर में प्रचार-प्रसार के द्वारा लोगों को डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों के बारे में जानकारी उपलब्ध करायी जाय। इसके अलावा योजना बनाकर कालोनियों का भ्रमण करके मच्छरजनित परिस्थितियों को समाप्त कराया जाये तथा पाये गये प्रजनन स्थलों की सूचना नगर निकायों को उपलब्ध करायी जाय। मलेरिया विभाग के कार्मिकों की मदद से लार्वीसाइडल का छिड़काव भी सुनिश्चित कराया जाय। शासन की ओर से यह भी निर्देश प्राप्त हुए हैं कि डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जनमानस के व्यवहार परिवर्तन एवं प्रचार-प्रसार के लिए पूर्व निर्देशानुसार कार्य सम्पादित कराये जायें तथा मीडिया सेंस्टाइजेशन की बैठक आहूत की जाये। डेंगू अधिसूचना का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराते हुए निजी चिकित्सालय एवं पैथालाॅजी के आधार पर डेंगू रोगियों की रिपोर्ट प्राप्त कराने के लिए बाध्य किया जाये। डेंगू एवं चिकुनगुनिया रोगियों का उपचार प्रदत्त कराये गये ट्रीटमेन्ट प्रोटोकाॅल के अनुसार ही राजकीय और प्राईवेट चिकित्सालयों में सुनिश्चित कराया जाय। रैपिड रिस्पान्स टीम के कार्यों का मूल्यांकन एवं अनुश्रवण करते हुए पीएचसी व सीएचसी स्तर पर भी रैपिड रिस्पान्स टीम व्यवहरित की जाय।
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