बहराइच। दीवानी न्यायालय परिसर, बहराइच में हिन्दी विधि सप्ताह के प्रथम दिन को संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया। जनपद न्यायाधीश सुशील कुमार द्वितीय ने दीप प्रज्ज्वलित किया और माॅ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्या ज्योति के नेतृत्व में आर्चिड इण्टरनेशनल स्कूल बहराइच के छात्र छात्राओें द्वारा सरस्वती वन्दना व ‘‘मंै रहूं या न रहूं भारत यह रहना चाहिये’’ एवं तेरी मिट्टी बड़ी है सोड़ी कार्यक्रम प्रस्तुत किया। जबकि ‘‘छोटी सी नन्ही सी प्यारी सी आयी एक परी, तेरी अंखियों का ये काजल गीत पर कार्यक्रम प्रस्तुत लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अखिल भारतीय हिन्दी विधि प्रतिष्ठान शाखा-जनपद बहराइच के अध्यक्ष पं. राम छबीले शुक्ला ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को हिन्दी के प्रयोग के लिए संकल्प दिलाया। हिन्दी विधि सप्ताह के प्रथम दिन संकल्प दिवस के अवसर पर आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए पूर्व विधायक राम सागर राव ने कहा कि पहले तो जाति पाति और धर्म हिन्दी को राष्ट्र भाषा बनाने में बाधक थे, लेकिन अब प्रभावशाली लोग ही इसमें रूचि नही ले रहे हैं। पूर्व विधायक राम अचल सिंह सेंगर ने कहा कि हिन्दी भारत मां की बिन्दी है, यह दुनिया की सबसे प्राचीन सशक्त और सरल भाषा है, बिनोवाभावे का भूदान आन्दोलन जो पूरे भारत में चला उसने हिन्दी के प्रचार, प्रसार में महती भूमिका अदा की। कार्यक्रम के संयोजक अपर जनपद न्यायाधीश सुनील मिश्रा ने कहा कि संस्कृत भाषा सभी भाषाओ की जननी है संस्कृत के क्ल्ष्टि होने के कारण हिन्दी को बढ़ने का मौका मिला, और भारत के आमजन को हिन्दी ने आत्मसात किया, हिन्दी को कभी राजकीय संरक्षण नहीं मिला। जनपद न्यायाधीश सुशील कुमार ने कहा कि चन्द्रयान-2 के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बिक्रम चन्द्रमा पर दिग्भ्रमित हुआ इसकी चर्चा आगे आने वाले समय में साहित्यकार करेंगे, और विज्ञान भी साहित्यकारो से ही प्रेरणा लेता है। उन्होने कहा कि हिन्दी के उत्थान पर हम यह कह सकते हैं कि वह पथ क्या पथिक कुशलता क्या जिस पथ पर बिखरे शूल न हों, नाविक की धैर्य परीक्षा क्या, यदि धाराएं प्रतिकूल न हो। कार्यक्रम का संचालन कर्मवीर सिंह ने किया। इस अवसर पर गया प्रसाद मिश्रा, महावीर प्रसाद चाटिया, कृष्ण मोहन श्रीवास्तव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ईश्वर शरण कनौजिया, स्थायी लोक अदालत के सदस्य अनिल त्रिपाठी, विजय कुमार पाठक, कृष्ण कुमार श्रीवास्तव, संजीव चैधरी, ओंकार ंिसह, रामसूरत वर्मा, परमानन्द पाण्डेय, काशीनाथ शुक्ला, अजय शर्मा, रामजी वाजपेयी, राजेश शुक्ला, एस.एम.एस. ज़ैदी, बाबूराम तिवारी, सुनील जायसवाल, बृजनन्दन पाण्डेय, कृष्ण कुमार ओझा, सभाजीत मिश्रा, सुरेन्द्र प्रताप पाठक, जगदम्बा बख्श सिंह, सुरेन्द्र मौर्या, हीरालाल राव व कार्यक्रम की व्यवस्थापक सुश्री रंजीता देवी सहित बड़ी संख्या में हिन्दी प्रेमी मौजूद रहेे।
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