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Wednesday, May 21, 2025 5:35:22 AM

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बहराइच। मानसिक रोग विभाग में संचालित “मन-कक्ष” में मनोरोगियों की होती है काउंसलिंग, मन कक्ष मे सुधरेंगी बिगड़ी हुयी आदतें 

बहराइच। मानसिक रोग विभाग में संचालित “मन-कक्ष” में मनोरोगियों की होती है काउंसलिंग, मन कक्ष मे सुधरेंगी बिगड़ी हुयी आदतें 

बहराइच। मोबाइल की लत के साथ ही जो लोग तंबाकू अथवा गाँजा, भांग आदि का नशा करते हैं और छोड़ना चाहते हैं अथवा ऐसे लोग जिनके मन मे आत्महत्या जैसे विचार आते हैं उनके लिए मेडिकल कालेज के पुरुष विभाग मे “ मन कक्ष” की स्थापना की गयी है, मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ विजित जयसवाल ने बताया ऐसी कोई भी मानसिक दशा जो सामान्य नहीं है उसके लिए मानसिक रोग विभाग में ही बनाये गये “मन-कक्ष” में विशेषज्ञों द्वारा काउंसलिंग की जा रही है। इस हेतु विभाग द्वारा मानसिक रोग विशेषज्ञ तथा काउंसलर के अलावा किशोर स्वास्थ्य परामर्शदाता व अन्य स्टाफ भी लगाये गये हैं। डॉ विजित जयसवाल ने बताया मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग करते-करते आजकल के युवा, अवयस्क सहित प्रत्येक आयु वर्ग के लोगों में एक नवीन रोग ने जन्म ले लिया है। मोबाइल का प्रयोग लोगों द्वारा इस हद तक किया जा रहा है कि उनकी आंखें भी शुष्क हो जा रही हैं। यदि बच्चों से मोबाइल ले लिया जाए या उन्हें मोबाइल प्रयोग करने से मना किया जाए, तो वे आक्रामक हो जा रहे हैं। इसके अलावा परीक्षाओं में कम अंक लाने, अनुत्तीर्ण होने, मोबाइल गेम्स खेलने एवं अन्य कारणों से लोगों में आत्महत्या की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है। ऐसे मानसिक विकारों से ग्रसित लोगों की काउंसलिंग करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मन कक्ष का निर्माण किया गया है। मन कक्ष की मदद से आवश्यकतानुसार औषधियों एवं सही समय पर उचित परामर्श द्वारा प्रथम चरण में ही मानसिक विकारों को उपचारित किया जा सकता है, जिससे कई बहुमूल्य मानव जीवन को बचाया जा सकता है। आत्महत्या की प्रवृत्ति के बारे मे डॉ जयसवाल ने बताया यदि किसी के मन मे आत्महत्या जैसे विचार आते हैं तो व्यक्ति पहले (क्राई फॉर हेल्प) आस पास के लोगों से आत्महत्या करने के विचार को एक बार अवश्य प्रकट करता है। ऐसा करके वह आत्महत्या न करे इसके लिए मदद की मांग करता है। समय रहते यदि व्यक्ति की मदद न की जाय तो तनाव अधिक बढ़ने पर वह आत्महत्या कर लेता है। उन्होने बताया इन मरीजों को जितनी जल्दी हो सके मन कक्ष के विशेषज्ञों द्वारा काउंसलिंग करनी चाहिए।

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