बहराइच। विकास खण्ड जरवल में अधिकारियों की मिलीभगत से कोटेदार घाघरा कटान पीड़ितों का छीन रहे निवाला। घाघरा की लहरों में सैकड़ो परिवार की गृहस्थी समा जाने के बाद अब इन परिवारों को दो वक्त की रोटी के लिए सस्ते अनाज के सरकारी राशन की दुकानों पर निर्भर रहना पड़ता है लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से कोटेदार खुले आम उनका निवाला छीन रहे और जिम्मेदार मौन है। अक्सर महीनों में कोटेदार द्वारा उन्हें मशीन की तकनीकी दिक्कत का हवाला देकर या नेटवर्क की समस्या बता कर टरका दिया जाता तो कहीं दो चार जिलों अनाज देकर समझा दिया जाता। ताजा मामला ग्राम पंचायत नियामतपुर सेकंड व बहरामपुर का है जहां सरकारी राशन की दुकान नियामत पुर सेकंड से मायूस लौट रही विकलांग विधवा वृद्ध महिला श्यामकला ने बताया कि बड़ी कोशिश के बाद उन्हें अन्त्योदय कार्ड पर सिर्फ चौदह किलो चावल दिया गयाए जबकि कोटेदार ने गेहूं देने से इंकार कर दिया। तो वहीं कलावती राधा सुघरा कृष्ण मुरारी आदि ने भी उपरोक्त बाते बताई। वहीं नियामत पुर निवासी राम बरन ने बताया पिछले वर्ष जुलाई में मेरा कार्ड बना था लेकिन आज तक मुझे राशन नहीं मिला जबकि बहरामपुर निवासी सुशील राहुल व अन्य ग्रामीणों ने भी 4 किलो चावल मिलने बात कही गेहूं मांगने पर कोटेदार ने बताया इस बार गेहूं हमे नहीं मिला हम कहा से दे। अन्य आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा की कोटेदार की मनमानी की शिकायत के लिए कई बार पूर्ति निरीक्षक से भी गुहार लगा चुके है किंतु हम गरीबो की कहीं कोई सुनवाई नही हो रही। वहीए जब इस मामले पर सम्बन्धित कोटेदार व पूर्ति निरीक्षक से बात की गई तो कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं था।
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