रोमांचक मैच में धोनी की टीम सीएसके आरसीबी से भले ही एक रन से हार गई हो लेकिन धोनी की पारी ने सबका दिल जीत लिया। वहीं अगर अंपायर ने गलती नहीं की होती तो धोनी मैच एक रन से कभी नहीं हारते।
चेन्नई सुपर किंग्स जब लक्ष्य का पीछा कर रही थी तब पारी का 9वां ओवर लेकर आये थे मार्कस स्टोइनिस। स्ट्राइक पर अंबाती रायुडू थे जबकि नॉन स्ट्राइकर पर धोनी थे। इस ओवर से कुल छह रन ही आये। बाद में ओवर खत्म होते ही रिप्ले में दिखा कि ओवर की पहली ही गेंद नो बॉल थी, लेकिन किसी देखा ही नहीं, जबकि धोनी अंपायर के बगल में ही खड़े थे।
अंपायर की यही गलती धोनी के लिए मुसीबत बन गयी। अंत मे उनकी टीम सीएसके 1 रन से ही मैच हार गई। अगर अंपायर ने वो नो बॉल दे दिया होता तो एक नो बॉल से एक रन तो मिलता ही, फ्री हिट पर बॉउंड्री भी लग सकती थी, लेकिन अब अगर यह धोनी यह सब देखेंगे तो उन्हें जरूर पछतावा होगा।
इससे पहले इसी सीजन में ऐसे ही एक रोमांचक मैच में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ धोनी अंपायरों से भिड़ गए थे। तब अंपायर ने पहले नो बॉल का इशारा किया, फिर वे इससे मुकर गए। इस बात को लेकर धोनी मैदान में पहुंच गए और उन्होंने तब अंपायरिंग पर सवाल भी उठाया था।
आरसीबी द्वारा दिये गए 162 रनों का पीछा कर रही धोनी की टीम अंत तक 160 रन ही बना सकी और उसे एक रन से मैच गंवाना पड़ा। आखिरी ओवर में जीत के लिए 26 रन चाहिए थे, धोनी ने चौका और छक्का मारकर स्कोर को और पास तक पहुंचाया, आखिरी गेंद पर दो रन बनाने थे, लेकिन बना नहीं।
धोनी 48 गेंदों पर 84 रन बनाकर नाबाद रहे, लेकिन अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके। इस नजदीकी हार से धोनी बहुत निराश नजर आए।
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