बहराइच 24 मार्च। मा. उच्चतम न्यायालय द्वारा आपराधिक प्रवृत्ति के निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवारों के सम्बन्ध में रिट याचिका संख्या 536 आॅफ 2011 में 25 सितम्बर 2018 को पारित आदेश के अनुपालन में भारत निर्वाचन आयोग की ओर से राजनैतिक दलों तथा अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार लोकसभा/राज्यसभा/विधानसभा या विधान परिषद के निर्वाचन में ऐसे अभ्यर्थी जिनके विरूद्ध आपराधिक मामले या तो लम्बित हैं, या जिनमें दोष सिद्ध हो गये हैं, ऐसे मामलों को निर्वाचन क्षेत्र में व्यापक रूप से प्रचलन वाले समाचार पत्रों में प्रारूप-सी-1 में अभ्यर्थितायें वापस लेने की अन्तिम दिनांक से लेकर मतदान होने की दिनांक के 02 दिन पहले कम से कम 03 अलग-अलग दिनों में प्रकाशित करायेंगे।
आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार मान्यता/अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दल भी अपनी वेबसाइट के साथ-साथ टी.वी. चैनलों तथा राज्य में व्यापक सर्कुलेशन वाले समाचार पत्रों में प्रारूप-सी-2 में प्रकाशित करेंगे। अभ्यर्थियों को रिटर्निंग आॅफिसर के समक्ष यह घोषित करना होगा कि उन्होंने अपनी पार्टी को अपने आपराधिक मामलों के बारे में सूचित कर दिया है। रिटर्निंग आॅफिसर ऐसे अभ्यर्थियों को समाचार-पत्रों व टी.वी. चैनलों में व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए प्रारूप-सी-3 पर लिखित अनुस्मारक देंगे। ऐसे अभ्यर्थी जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्वाचन व्यय लेखा के साथ उन समाचार पत्रों की प्रतियाॅ भी जमा करेंगे, जिनमें घोषणा प्रकाशित की गयी है। घोषणा को प्रकाशित कराये जाने के सम्बन्ध में जनपद/निर्वाचन क्षेत्रों में सर्वाधिक प्रचार-प्रसार वाले समाचार पत्रों की सूची निदेशक, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा उपलब्ध करा दी गयी है। जनपद बहराइच के लिए स्थानीय हिन्दी दैनिक निलय टाइम्स व सहेट-महेट तथ उर्दू दैनिक अहद-ए-नौ को संसूचित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि मा. उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुसार निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप-26 तथा उक्त प्रारूप में अपेक्षित सम्पूर्ण विवरण भरना होगा, अभ्यर्थी के विरूद्ध लम्बित आपराधिक मामलों के सम्बन्ध में सूचना बड़े अक्षरों में दिया जायेगा साथ ही अभ्यर्थी को अपने विरूद्ध लम्बित आपराधिक मामलों के सम्बन्ध में सूचना अपने दल को देना अपेक्षित है। सम्बन्धित राजनैतिक दल आपराधिक प्रवृत्ति वाले अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में सूचना अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने हेतु बाध्य होंगे। मा. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुसार अभ्यर्थी और सम्बन्धित राजनैतिक दल अपने विरूद्ध लम्बित तथा प्रचलित आपराधिक मामलों को व्यापक रूप से प्रचलित समाचार पत्रों में प्रकाशित करेंगे तथा उक्त का इलेक्ट्रानिक मीडिया में भी कम से कम 03 बार व्यापक प्रचार-प्रसार करेंगे।
इसके अलावा निर्वाचन की शुचिता को बनाये रखने के उद्देश्य से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा न्याय एवं विधि मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना के क्रम में निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को नामांकन पत्र के साथ दिये जाने वाले शपथ-पत्र (प्रारूप-26) में भी परिवर्तन किया गया है। अब उम्मीदवारों को अपने परिवार एवं आश्रित व्यक्तियों की पिछले 05 वित्तीय वर्षों के आयकर विवरण तथा विदेशों में अवस्थित सम्पत्तियों का ब्यौरा भी देना होगा। शपथ-पत्र प्रारूप-26 मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश की वेबसाइट डब्लूडब्लूडब्लू डाट सीईओयूटीटीएआरपीआरएडीईएसएच डाट एनआईसी डाट इन पर डालनलोड फार्म-26 के नाम से उपलब्ध है।
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