बहराइच 10 मार्च। गर्मी (लू) से बचाव व वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण हेतु जिलाधिकारी शम्भु कुमार के निर्देश पर जिला स्वास्थ्य समिति बहराइच की ओर से लोगों से अपील की गयी है कि गर्मी के मौसम में अधिक से अधिक पानी पीयें, पसीना सोखने वाले पतले व हल्के रंग के वस्त्र ही पहनें, धूप में जाने से बचें यदि धूप में जाना जरूरी हो तो चश्मा, छाता, टोपी व चप्पल आदि का प्रयोग करें। ऐसे व्यक्ति जो लोग खुले में कार्य करते हैं उन्हें सर, चेहरा, हाथ-पैरों को गीले कपड़े से ढक कर रखें और यदि संभव हो तो छाते का उपयोग करें। लोगों को यह भी सुझाव दिया गया है कि यात्रा करते समय अपने साथ पर्याप्त मात्रा में पीने का स्वच्छ पानी रखें, ओरआरएस घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (मांड) नीबू, पानी छाछ आदि का उपयोग करें ताकि शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुरेश सिंह ने बताया कि हीट स्ट्रोक (लू), हीट रैश (घमौरिया), हीट कै्रप (मरोड़/ऐंठन) के मुख्य लक्षणों में शरीर में कमजोरी का होना, चक्कर आना, सिर में तेज दर्द, उबकाई का आना, पसीना आना और कभी कभी मूर्छा (बेहोशी) आना प्रमुख लक्षण हैं। गर्मी के दौरान मूर्छा या बीमारी का अनुभव करते ही तुरन्त चिकित्सक की सलाह से उपचार लें। घरेलू/पालतू जानवरों को छायादार स्थानों पर रखें और उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी पीने को दें। अपने घरों को ठंडा रखें, दरवाजे व खिड़कियों पर पर्दे लगवाना उचित होता है। सांयकाल व प्रात के समय घर के दरवाजे खिड़कियों को खोलकर रखें ताकि कमरे ठंडे रहें।
डा. सिंह ने यह भी बताया कि श्रमसाध्य कार्यो को ठंडे समय में करने/कराने का प्रयास करें, कार्यस्थल पर पीने के ठंडे पानी की व्यवस्था करें तथा कर्मियों को सीधे सूर्य की रोशनी से बचने हेतु सावधान करें। पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें तथा स्नान करें, गर्भस्थ महिलाओं, छोटे शिशुओं व बड़ी उम्र के लोगों की विशेष देखभाल करें। उन्होंने लोगों को यह भी सुझाव दिया गया है कि बच्चों व पालतू जानवरों को खड़ी कारों/गाड़ियों में न छोड़ें, यदि समय हो तो दोपहर 11ः00 बजे से अपरान्ह 04ः00 बजे के मध्य धूप में निकलने से बचें। गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहनें। जब बाहर का तापमान अधिक हो तो श्रमसाध्य कार्य न करें।
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