बहराइच। विगत कई वर्षों से जनपद के माध्यमिक शिक्षा विभाग में घोटाला,विवादों व भ्रष्टाचार किए जाने का बड़ा कारण बने रहे लिपिक शिवलाल के खिलाफ आरोपों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार भी इन पर नियुक्तियों में हुए घोटाले सहित भ्रष्टाचार के कई आरोप सामने आए हैं।
एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा लिपिक शिवलाल पर आरोप लगाया गया है कि पूर्व भ्रष्ट जिला विद्यालय निरीक्षक रविंद्र सिंह की कृपा पर इनके द्वारा लगभग 72 लाख रुपयों की धन उगाही करते हुए संयुक्त शिक्षा निदेशक देवीपाटन मंडल की मिलीभगत से 1 सहायक अध्यापक मुक्तेश्वर पोद्दार, राजकीय इंटर कॉलेज नवाबगंज बहराइच, को वैध भगवानदीन बालिका इंटर कॉलेज नानपारा, बहराइच को प्राधिकृत नियंत्रक बनवाकर 5 सहायक अध्यापिकाओं की नियुक्ति कर ली गई। जबकि वहां का प्रबंध तंत्र विवादों से घिरे रहने के बाद भी मामले में शिवलाल की ही महत्वपूर्ण भूमिका बताई गई। बताते हैं कि डीएम के यहां तैनात एक कर्मी की पत्नी भी हुई पांच नियुक्तियों में शामिल रही है। जबकि नियुक्त अधिकृत प्राधिकृत नियंत्रक पोद्दार उक्त श्रेणी हेतु अहर्य नहीं थे फिर भी विभाग को गुमराह करते हुए सारा खेल खेला गया,जिसमें रवींद्र सिंह के द्वारा किए गए सहयोग से अब तक करोड़ों रुपए के घोटाले वेतन के नाम पर किये जा रहे हैं,यह खेल यहीं नहीं रुका बल्कि रवींद्र सिंह द्वारा अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए अपने भतीजे को आजाद इंटर कॉलेज बहराइच में प्रवक्ता के पद पर नियुक्त करवाते हुए अल्पसंख्यक संस्था का भी अहित किया गया। जिसकी शिकायत लोकायुक्त उत्तर प्रदेश सरकार सहित मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार, प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा, राज्य परियोजना निदेशक, शिक्षा निदेशक माध्यमिक उत्तर प्रदेश, प्रमुख सचिव नियुक्त उत्तर प्रदेश शासन, मंडलायुक्त देवीपाटन मंडल, संयुक्त शिक्षा निदेशक देवीपाटन,व जिलाधिकारी बहराइच आदि से भी की गई थी और तो और बल्कि सबसे मजे की बात तो यह है कि अपने जनपद आगमन के बाद वर्तमान डीआईओएस राजेंद्र कुमार पांडे द्वारा भी उक्त लिपिक की भ्रष्ट कार्य प्रणालियों को जानने के बाद शासन स्तर पर शिकायत करते हुए लिखा गया था कि लिपिक शिवलाल के विरुद्ध अनेक गंभीर शिकायतें इनके जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में कार्य करने के दौरान मिली है,जिसकी जांच संयुक्त शिक्षा निदेशक देवीपाटन मंडल शिक्षा भवन फैजाबाद के आदेशानुसार मंडलीय आडिट इंचार्ज फैजाबाद द्वारा एवं लोकायुक्त उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी की जा रही है। उन्होंने यह भी लिखा कि इनके द्वारा अल्प स्तरीय राजनीतिक लोगों से सांठगांठ कर अपनी राजकीय इंटर कॉलेज में तैनाती के दौरान भी सरकारी कार्यों में अनेकानेक व्यवधान उत्पन्न किया गया,उनके द्वारा शिवलाल के सेवाकाल की समस्त कार्यअवधि बहराइच में ही होने की बात बताई गई। उन्होंने लिखा कार्यालय में उपलब्ध दस्तावेज एवं कार्यालय जिला विद्यालय निरीक्षक बहराइच में शिवलाल द्वारा तैनाती के दौरान किए गए कृत्यों के अप्रोक्ष परिशीलन से जनपद के किसी भी शिक्षा विभाग कार्यालय में उक्त वरिष्ठ सहायक का तैनात रहना किसी भी दशा में उचित नहीं है। श्री पांडे द्वारा यह भी शिकायत की गई कि अपनी कार्य अवधि के दौरान शिवलाल द्वारा मेरे कक्ष में आकर मुझसे अमर्यादित एवं अशोभनीय शब्दों का भी प्रयोग किया गया और उस दौरान भी श्री पांडे द्वारा उसके शराब पिए होने की बात अपने पत्र के माध्यम से प्रमाणित की गई थी।
श्री पांडे का कहना था कि जब मैंने शिवलाल से कहा कि तुम शराब पीकर कार्यालय में आकर शासकीय कार्य में व्यवधान क्यों उत्पन्न कर रहे हो,तो उक्त वरिष्ठ सहायक द्वारा कहा गया कि मुझे विभाग के सभी उच्च अधिकारी जानते हैं कि मैं लगातार शराब पीता हूं। परिणाम स्वरूप श्री पांडे ने इन्हें जनपद से सुदूर भेजने की संस्तुति तक कर डाली थी।
लेकिन अब लोगों के बीच सबसे बड़ा सवाल यही बना हुआ है कि कल तक जो लिपिक डीआईओएस के लिए एक खलनायक बना हुवा था उन्हें लिपिक शिवलाल ने ऐसी कौन सी घुट्टी पिला दी है कि आज वह उनके ही कार्यालय में नायक की भूमिका निभाते नजर आ रहा है। हाल यह है कि डीआईओएस के द्वारा किये गए विभागीय आदेशों पर भी शिवलाल अपना हस्ताक्षर कर सभी विभागीय लोगों को अपने रुतबे का एहसास भी करा रहा है। और यही कारण है कि जिला विद्यालय निरीक्षक राजेंद्र कुमार पांडे व वरिष्ठ लिपिक शिवलाल की जुगलबंदी बहराइच ही नहीं बल्कि देवीपाटन सहित अयोध्या में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
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