बहराइच 28 फरवरी। उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति-2018 में दी गयी व्यवस्थानुसार नीति के क्रियान्वयन, अनुश्रवण, पूंजी निवेश के प्रस्तावों की संस्तुति/स्वीकृति एवं धनावन्टन के लिए राज्य, मण्डल तथा जनपद स्तरीय क्रियान्वयन अनुश्रवण समिति, तकनीकी एवं वित्तीय समितियों का गठन कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति-2018 के सम्बन्ध में इच्छुक व्यक्ति एन.डी.डी.वी. एवं दुग्धशाला विकास उत्तर प्रदेश की वेबसाइट यूपीडीएआईआरवाईडीईवीईएलओपीएमईएनटी डाट जीओवी डाट इन से आवेदन-पत्र का प्रारूप तथा अन्य विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह जानकारी देते हुए उप दुग्धशाला विकास अधिकारी, बहराइच ने बताया कि टिकोरामोड़ स्थित कार्यालय से भी किसी कार्य दिवस में उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति-2018 के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
उप दुग्धशाला विकास अधिकारी ने बताया कि नीति में दिए गये दिशा निर्देशों के अनुसार पूंजीगत निवेश योजनान्तर्गत चयनित लाभार्थियों को अधिकतम धनराशि रू. 50.00 लाख की सीमा तक 02 समान किश्तों में अनुदान अनुमन्य होगा। ब्याज उत्पादन योजना अन्तर्गत सूक्ष्म एवं लघु दुग्ध प्रसंस्करण इकाई हेतु चयनित लाभार्थी को बैंक/वित्तीय संस्थाओं से लिए गये ऋण पर देय ब्याज की दर का शतप्रतिशत जो अधिकतम 05 वर्ष तक पूर्ति की जायेगी तथा अन्य दुग्ध प्रसंस्करण इकाई को बैंक/वित्तीय संस्थाओं से लिए गये ऋण पर देय ब्याज की दर का 07 प्रतिशत अथवा वास्तविक ब्याज की दर से जो कम हो, अधिकतम 05 वर्ष हेतु प्रतिपूर्ति की जायेगी।
मानकीकरण प्रोत्साहन प्राविधान योजना के अन्तर्गत दुग्ध प्रसंस्करण के उत्पादों का श्रेणीकरण तथा मानकीकरण कराने के उद्देश्य से वास्तविक रूप से भुगतान की गयी फीस एवं टेस्टिंग मानकीकरण कराने के उद्देश्य से वास्तविक रूप से भुगतान की गयी फीस एवं टेस्टिंग चार्ज के सापेक्ष 50 प्रतिशत अधिकतम रू. 1.50 लाख अनुदान के रूप में प्रतिपूर्ति की जायेगी, पेटेण्ड डिजाइन पंजीकरण प्रावधान योजना के अन्तर्गत पेटेण्ड/डिजाइन के पंजीकरण हेतु दुग्ध प्रसंस्करण उद्योगो द्वारा अधिकृत/संस्थानों को भुगतान की गयी फीस का 75 प्रतिशत अधिकतम रू. 1.50 लाख अनुदान प्रतिपूर्ति एक बार देय होगी।
उन्होंने बताया कि बाजार विकास एवं ब्राण्ड प्रोत्साहन प्राविधान योजनान्तर्गत दुग्ध प्रसंस्करण इकाइयों के बाजार विकास एवं ब्राण्ड प्रोत्साहन हेतु उत्पादित उत्पाद के निर्यात को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अन्य देशों के उत्पाद का नमूना प्रेषित करने पर इकाई लागत का 50 प्रतिशत पूर्ति लाभार्थी अनुमन्य है इसके अतिरिक्त राज्य में उत्पादित प्रसंस्कृत उत्पाद के निर्यात को प्रोत्साहन करने हेतु एयरपोर्ट/समुद्रीपोर्ट तक उत्पाद परिवहन पर होने वाले वास्तविक व्यय का 25 प्रतिशत जो रू. 10.00 लाख प्रतिवर्ष की अधिकतम सीमा 03 वर्षो तक प्रति लाभार्थी अनुदान अनुमन्य है, उत्पादित प्रसंस्कृत उत्पादों के निर्यात प्रोत्साहन हेतु उत्पाद की एफ.ओ.बी. मूल्य का 20 प्रतिशत जो अधिकतम रू. 20 लाख प्रतिवर्ष की दर में 03 वर्षो तक अनुदान अनुमन्य है।
उप दुग्धशाला विकास अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति-2018 उल्लिखित डेरी उद्योगों की स्थापना करने के इच्छुक व्यक्ति 03 प्रतियों में पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन-पत्र टिकोरामोड़ स्थित उनके कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं।
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