बहराइच 13 फरवरी। कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग एवं डब्लूडब्लूएफ के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को कतर्नियाघाट ईको अवयरनेस सेण्टर पर आयोजित भारत नेपाल के वनाधिकारियों, गैर सरकारी संस्थाओं एवं स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधियों के बीच वन्य जीव संरक्षण हेतुु समन्यवय बैठक का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य उददेश्य कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार एवं बर्दिया नेशनल पार्क को जोड़ने वाले खाता कारीडोर तथा बफर क्षेत्र के वन्य जीव सरंक्षण में आने वाले चुनौतियों से निपटना एवं स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करना है।
समन्वय बैठक के दौरान मानव वन्यजीव संघर्ष, वन्य जीव शिकार, अवैध कटान इत्यादि के मुद्दों पर अधिकारियों ने चर्चा कर स्थायी समाधान के सम्बन्ध में सुझाव प्रदान किये गये। असके अतिरिक्त बैठक में संयुक्त गश्त, कारीडोर इलाके में संयुक्त फोरम बनाने, वन्यजीव प्राकृतिक आवास प्रबन्धन तथा इको टूरिज्म में परसपर एक दूसरे से सीख कर बेहतर तरीके अपनाने पर भी सहमति बनी। बैठक का संचालन करते हुए डब्लूडब्लूएफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी दबीर हसन ने संरक्षण से जुड़े मुद्दों तथा भारत-नेपाल के सरंक्षण के पुराने इतिहास पर प्रकाश डाला गया। जबकि डीएफओ कतर्नियाघाट जी.पी. सिंह ने कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले दोनो साइड के अधिकारियों का स्वागत किया।
चीफ वार्डेन बर्दिया नेशनल पार्क अणनाथ बराल ने अपने क्षेत्र की विविधता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बर्दिया एवं कतर्नियाघाट के बीच सही समन्वय से ही दोनों क्षेत्र के वन्य जीव सुरक्षित रह सकते है। इसलिए समय समय पर निरन्तर बैठकों का आयोजन आवश्यक है। उन्होने भारतीय अधिकारियों को अपने क्षेत्र में आने का निमंत्रण दिया। कार्यक्रम के संयोजक वर्दिया नेशनल पार्क के पूर्व वार्डन एवं नेपाल उज्यालों संस्था के प्रतिनिधि ने पूर्व के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि हाथी मानव संघर्ष से निपटने हेतु दोनों देशों में किये जा रहे प्रयासों को देखने के लिए 20-20 युवकों का दल निरन्तर भ्रमण पर जायेगा।
दुधवा टाइगर रिर्जव के फील्ड डायेरक्टर ने सभी आंगतुकों का टाइगर रिर्जव के तरफ से स्वागत किया एवं संयुक्त आयोजकों को धन्यवाद दिया। उन्होने प्रोजेक्टर के माध्यम से एम स्ट्राइप पद्धति से गश्त की सफलता से लोगों को अवगत कराते हुए कहा कि वन्य जीव संरक्षण कार्य बहुत चुनौती पूर्ण हैं। जिसका बेहतर समन्वय के साथ सामना किया जा सकता है। राजापुर के सांसद दिपेश थारू राजेश ने भारतीय क्षेत्र में संरक्षण के कार्याे की सराहना करते हुए कहा कि उनका प्रयास होगा िकवह इसे नेपाल में लागू करायें। उन्होने कहा कि भारतीय क्षेत्र में शिकार एवं कटान करने वाले लोगो के विरूद्व नेपाल सरकार कड़ी कार्यवाही करने हेतु प्रतिबद्ध है और इसके लिए सयुक्त प्रयास जरूरी है। उन्होने वन्य जीव के हमलों में ग्रामीणो के जान-माल की क्षति पर चिंता व्यक्त करते हुए मुआवजा बढ़ाने तथा ईको टूरिज्म के माध्यम से रोजगार बढ़ाये जाने पर बज दिया।
समन्वय बैठक में नेपाल साइड से अध्यक्ष बफरज़ोन काउन्सिल नेत्रराज आचार्य, अध्यक्ष उपभोक्ता समिति चक्र खनाल, नमराज न्यौपाने व दीपलाल कंडेल, सहायक वन अधिकृत ललन राउत, अध्यक्ष खाता समन्वय समिति भदई थारू, अध्यक्ष शिव सामुदायिक वन उपभोक्ता समिति मंगल थारू, बड़ा अध्यक्ष डल्ला, मधुबन नगर पालिका परशु थारू, नेपाल टेलीविज़न के पत्रकार डिल प्रकाश गौतम, उज्यालो नेटवर्क के भाबुक योगी, अध्यक्ष महिला स्वयंसेविका बिमला योगी, निदेशक, थारू महिला उत्थान केन्द्र प्रिज्मा सिंह थारू, वन क्षेत्राधिकारी बर्दिया सन्देश पौडेल, उज्यालो नेपाल के गणेश बहादुर थापा व रमेश कुमार थापा, गेम स्काउट बर्दिया हिंगवा थारू वे इन्द्र प्रसाद जैशी, राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण कोष के लक्ष्मी राज जोशी, सहायक परिसर प्रमुख रूद्र बहादुर खड़का व पशु चिकित्सक बर्दिया चित्र बहादुर खड़का मौजूद रहे।
इस अवसर पर अपर प्रधान प्रमुख वन संरक्षक (प्रोजेक्ट टाइगर) दुधवा टाइगर रिजर्व पी.के. शर्मा, अचल नरसिंह राणा, हरिकेश चैबे, विनोद कुमार, अर्जुन, पीर गुलाम, मुबारक, परमहंस मौर्य, रामफल, हुकुम लाल, बाउर भगत, राज किशोर, जयप्रकाश सहित तमाम गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
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