बहराइच 02 फरवरी। कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग अन्तर्गत कतर्नियाघाट इको अवेयरनेस सेन्टर में विश्व वेटलैण्ड डे के अवसर पर आयोजित बर्ड फेस्टिवल को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि विधायक बलहा अक्षयवर लाल गौड ने कहा कि ‘‘जीवन के लिए नदियाॅ और नदियों के लिए जीवन’’ एक दूसरे के पर्यायवाची हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की सोच में परिवर्तन लाकर ही वेटलैण्ड को सुरक्षित और संरक्षित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज हमें लोगों को बताना होगा वेटलैण्ड वेस्ट लैण्ड नहीं है बल्कि पूरे परिस्थितिकीय तंत्र के लिए वेटलैण्ड और इनमें रहने वाले जीवों का सुरक्षित और संरक्षित रहना पूरी मानव सभ्यता के लिए ज़रूरी है। उन्होंने ऐसे आयोजन को ज़रूरी बताते हुए वन विभाग तथा सह आयोजक डब्ल.डब्लू.एफ. के प्रयासों की सराहना की। मुख्य अतिथि ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपने ऊपर से प्रकृति के कर्ज़ की अदायगी करें अन्यथा बहुत देर हो जायेगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रभागीय वनाधिकारी ज्ञान प्रकाश सिंह ने कहा कि रिवराईन, रिवर बैक वाटर और आक्सबोलेक के कारण कतर्नियाघाट के वेटलैण्ड को यूनीक कहा जा सकता है। कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार के 18 प्रतिशत क्षेत्रफल पर वेटलैण्ड हैं। जिसका कुल क्षेत्रफल लगभग 10 हज़ार हेक्टेयर है। डीएफओ ने कहा कि यहाॅ के वेटलैण्ड के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि इस एक हैबीटेट गोल्डन महाशेर, गैंगटिक डाल्फिन, घड़ियाल जैसी प्रताजियाॅ पायी जाती हैं। इसलिए कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार जैसे यूनीक वेटलैण्ड को सुरक्षित और संरक्षित रखना अपरिहार्य है। उन्होंने कहा कि कतर्नियाघाट के लगभग सभी वेटलैण्ड का स्रोत नेपाल से है इसलिए इनका महत्व और बढ़ जाता है। श्री सिंह ने कहा कि कतर्नियाघाट से होकर गुज़रने वाली दो प्रमुख नदियों कौड़ियाला और गेरूआ का पानी अभी प्रदूषण से मुक्त है। उन्होंने कहा कि अगर हमें पूरे परिस्थितिकीय तंत्र को बचाना है तो नम भूमि को बचाना होगा क्योंकि यह नम भूमि धरती के लिए किडनी का रोल प्ले करती हैं।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सह आयोजक डब्लू.डब्लू.एफ. के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी दबीर हसन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए वेटलैण्ड के महत्व तथा इसके पर्यावास में अपना आसरा बनाने वाले दुर्लभ प्रजातियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उप प्रभागीय वनाधिकारी एवं वन्य जीव प्रतिपालक गिरिजापुरी यशवंत ने विभिन्न जलीय पक्षियों तथा वेटलैण्ड के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वेटलैण्ड विभिन्न जलीय जीवों के साथ-साथ अन्य प्रजातियों के लिए भी सुरक्षित ठिकाना है।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर बर्ड फेस्टिवल अन्तर्गत विभिन्न रेन्जों में आयोजित कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने वाले विभिन्न विद्यालयों शारदा सहायक परियोजना इण्टर कालेज, वनान्चल विद्यालय बिछिया, सर्वोदय इण्टर कालेज, राजमाता कालिका राणा हाई स्कूल तथा ककरहा एवं सुजौली रेन्ज के विभिन्न विद्यालयों के बच्चों को मुख्य अतिथि विधायक बलहा द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम के अन्त में प्रभागीय वनाधिकारी जी.पी. सिंह व एस.ओ.एस. के फैज़ मोहम्मद खान ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
कार्यक्रम का संचालन वन क्षेत्राधिकारी कतर्नियाघाट पीयूष मोहन श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर एस.एस.बी. 59वीं बटालियन के डिप्टी कमान्डेन्ट संतोष, वनक्षेत्राधिकारी निशानगाढ़ा दया शंकर सिंह व मुर्तिहा के ए.के. त्यागी, प्रभारी निरीक्षक सुजौली प्रमोद कुमार सिंह, ग्राम पंचायत चहलवा के प्रधान रमेश, आम्बा के राजेश दुबे, इको विकास समितियों के पदाधिकारी व सदस्य, एस.ओ.एस. टाइगर के फैज़ मोहम्मद खान, विभिन्न रेन्जों के वनाधिकारी व वनकर्मी, एस.एस.बी. के जवान, विभिन्न स्कूलों के शिक्षक, छात्र-छात्राएं, गैर सरकारी संगठनों के पदाधिकारी, नेचर गाईड व बड़ी संख्या में वन्य जीव प्रेमी मौजूद रहे।
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