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Sunday, June 29, 2025 12:21:41 AM

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बहराइच वन प्रभाग में भी मनाया गया बर्ड फेस्टिवल

बहराइच वन प्रभाग में भी मनाया गया बर्ड फेस्टिवल

बहराइच 02 फरवरी। वन प्रभाग, बहराइच अन्तर्गत तहसील-सदर, बहराइच रेंज में स्थित चित्तौरा झील के तट पर सुबह 6.00 बजे से बर्ड फेस्टिवल एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन आर.पी. सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी, बहराइच के नेतृत्व में उप प्रभागीय वनाधिकारी नानपारा एवं बहराइच तथा समस्त क्षेत्रीय वनाधिकारी बहराइच वन प्रभाग, खण्ड विकास अधिकारी चित्तौरा व दीपक कुमार सिंह वन दरोगा, बहराइच रेंज की देखरेख में किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं, जनमानस/दिव्यजन, विपन्न छात्र-छात्राओं को झील के चारों तरफ वर्ड वाॅचिंग कराया गया तदोपरान्त बहराइच वन प्रभाग द्वारा चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।

वर्ड वाॅचिंग के दौरान स्थानीय/विदेशी मेहमान पक्षी इण्डियनशाग, डारटर, स्माल एगरेट, सारसक्रेन, इण्डियन मोरहेन, रेडवाटलेड, ब्ल्यू राकपीगन आदि का चिन्हीकरण किया गया। बर्ड वाॅचिंग कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वन संरक्षक, देवीपाटन वृत्त, गोण्डा ए.के. शुक्ल द्वारा विस्तार से पक्षियों के बारे में जानकारी दी गयी तथा उनके द्वारा सीनियर जूनियर सेंक्शन में छात्र छात्राओं को प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार वितरित किया गया।

इस अवसर पर छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित किया गया तथा चित्तौरा झील के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इस झील में साल भर पानी भरा रहता है तथा ऊॅचे घासों से घिरा होने के कारण स्थानीय पक्षी यथा गंगा मैना, पनकौआ, गजपाॅव, टिटहरी, बगुला, तोता, बुलबुल, हुदहुद, हरियल, महोका, फाख्ता, जंगली, कबूतर, किंगफिशर, तेली बर्ड, तितर, बटेर, लालसर, कोयल, सुरखाब व जल मुर्गी जैसी प्रजातियों का वास स्थल है। उपरोक्त स्थानीय पक्षी झील के आसपास सुरक्षित एवं स्वछन्द वातावरण में विचरण करते है।

कार्यक्रम में गुरु कृपा डिवाइन ग्रेस, सेन्ट नार्वेट, पूर्व माध्यमिक विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालय, चित्तौरा के छात्र-छात्राओं, दिव्यांगजन, शिक्षकों तथा स्थानीय जनमानस ने भाग लिया। उपस्थित समस्त प्रतिभागियों को सारस संरक्षण/प्रवासी पक्षियों के संरक्षण, कृषि वानिकी, पर्यावरण, वनों की सुरक्षा आदि के बारे में विस्तृत जानकारी श्री डी0के0 सिंह, क्षेत्रीय वन अधिकारी, बहराइच एवं प्रताप सिंह राना, वन रक्षक द्वारा दी गयी जबकि उप प्रभागीय वनाधिकारी, नानपारा एवं बहराइच ने प्रकृति से विलुप्त हो रहे विभिन्न जन्तु एवं वनस्पति प्रजातियों के बारे में जानकारी प्रदान की।

कार्यक्रम के अवसर में विभाग द्वारा बर्ड फेस्टिवल के अन्तर्गत चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। वर्ड वाॅचिंग के समय छात्र छात्राएं, स्थानीय जनमानस, वन विभाग के सभी क्षेत्रों से आये अधिकारी/कर्मचारीगण जिसकी संख्या 1003 रही, जिनके द्वारा 1335 पक्षियों को देखकर चिन्हीकरण कर गणना की गयी। अन्त में क्षेत्रीय वनाधिकारी, बहराइच द्वारा सभी आगन्तुकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।

बहराइच वन प्रभाग में भी मनाया गया बर्ड फेस्टिवल

चित्र संख्या 09 से 11 तक तथा फोटो कैपशन

बहराइच 02 फरवरी। वन प्रभाग, बहराइच अन्तर्गत तहसील-सदर, बहराइच रेंज में स्थित चित्तौरा झील के तट पर सुबह 6.00 बजे से बर्ड फेस्टिवल एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन आर.पी. सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी, बहराइच के नेतृत्व में उप प्रभागीय वनाधिकारी नानपारा एवं बहराइच तथा समस्त क्षेत्रीय वनाधिकारी बहराइच वन प्रभाग, खण्ड विकास अधिकारी चित्तौरा व दीपक कुमार सिंह वन दरोगा, बहराइच रेंज की देखरेख में किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं, जनमानस/दिव्यजन, विपन्न छात्र-छात्राओं को झील के चारों तरफ वर्ड वाॅचिंग कराया गया तदोपरान्त बहराइच वन प्रभाग द्वारा चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।

वर्ड वाॅचिंग के दौरान स्थानीय/विदेशी मेहमान पक्षी इण्डियनशाग, डारटर, स्माल एगरेट, सारसक्रेन, इण्डियन मोरहेन, रेडवाटलेड, ब्ल्यू राकपीगन आदि का चिन्हीकरण किया गया। बर्ड वाॅचिंग कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वन संरक्षक, देवीपाटन वृत्त, गोण्डा ए.के. शुक्ल द्वारा विस्तार से पक्षियों के बारे में जानकारी दी गयी तथा उनके द्वारा सीनियर जूनियर सेंक्शन में छात्र छात्राओं को प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार वितरित किया गया।

इस अवसर पर छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित किया गया तथा चित्तौरा झील के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इस झील में साल भर पानी भरा रहता है तथा ऊॅचे घासों से घिरा होने के कारण स्थानीय पक्षी यथा गंगा मैना, पनकौआ, गजपाॅव, टिटहरी, बगुला, तोता, बुलबुल, हुदहुद, हरियल, महोका, फाख्ता, जंगली, कबूतर, किंगफिशर, तेली बर्ड, तितर, बटेर, लालसर, कोयल, सुरखाब व जल मुर्गी जैसी प्रजातियों का वास स्थल है। उपरोक्त स्थानीय पक्षी झील के आसपास सुरक्षित एवं स्वछन्द वातावरण में विचरण करते है।

कार्यक्रम में गुरु कृपा डिवाइन ग्रेस, सेन्ट नार्वेट, पूर्व माध्यमिक विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालय, चित्तौरा के छात्र-छात्राओं, दिव्यांगजन, शिक्षकों तथा स्थानीय जनमानस ने भाग लिया। उपस्थित समस्त प्रतिभागियों को सारस संरक्षण/प्रवासी पक्षियों के संरक्षण, कृषि वानिकी, पर्यावरण, वनों की सुरक्षा आदि के बारे में विस्तृत जानकारी श्री डी0के0 सिंह, क्षेत्रीय वन अधिकारी, बहराइच एवं प्रताप सिंह राना, वन रक्षक द्वारा दी गयी जबकि उप प्रभागीय वनाधिकारी, नानपारा एवं बहराइच ने प्रकृति से विलुप्त हो रहे विभिन्न जन्तु एवं वनस्पति प्रजातियों के बारे में जानकारी प्रदान की।

कार्यक्रम के अवसर में विभाग द्वारा बर्ड फेस्टिवल के अन्तर्गत चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। वर्ड वाॅचिंग के समय छात्र छात्राएं, स्थानीय जनमानस, वन विभाग के सभी क्षेत्रों से आये अधिकारी/कर्मचारीगण जिसकी संख्या 1003 रही, जिनके द्वारा 1335 पक्षियों को देखकर चिन्हीकरण कर गणना की गयी। अन्त में क्षेत्रीय वनाधिकारी, बहराइच द्वारा सभी आगन्तुकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।

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