बहराइच 12 जनवरी। जिला गन्ना अधिकारी शैलेश कुमार मौर्य ने बताया कि प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ द्वारा गन्ना कृषकों के हित में लिये गये निर्णयों एवं गन्ना मंत्री सुरेश राणा द्वारा किये गये अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप गन्ना समितियों द्वारा पर्ची निर्गमन की नई व्यवस्था के बेहतर परिणाम मिलने शुरू हो गये हैं। श्री मौर्य ने जानकारी दी है कि मुख्यालय स्तर पर आयोजित बैठक में गन्ना मंत्री ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पर्ची निर्गमन कार्य की समीक्षा में पाया कि इस वर्ष गन्ना समितियों द्वारा पर्ची प्रिन्टिंग एवं निर्गमन की नई व्यवस्था लागू किये जाने के उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि विगत एक दशक से भी ज्यादा समय से गन्ना आपूर्ति हेतु किसानों को पर्ची निर्गमन का कार्य चीनी मिलों द्वारा किया जा रहा था। गन्ना सर्वेक्षण कार्य में चीनी मिलों द्वारा असहयोग करने के कारण प्रदेश सरकार ने सर्वे, सट्टा फीडिंग, कैलेंडरिंग व पर्ची निष्कासन का कार्य प्रदेश की गन्ना समितियों द्वारा स्वयं या आउट सोर्सिंग एजेंसी से कराने का निर्णय लिया। प्रदेश के गन्ना मंत्री के कुशल नेतृत्व और प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त के निर्देशन में गन्ना विकास विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया, जिसके फलस्वरूप बेहद अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।
श्री मौर्य ने बताया कि पश्चिमी उ.प्र. में सहारनपुर एवं मेरठ मण्डल में गत वर्ष के माह दिसम्बर में 6,27,596 कृषकों को जारी 23,91,984 पर्चियों के सापेक्ष इस वर्ष 6,78,251 कृषकों को 24,42,452 पर्चियां निर्गत की र्गइं। इस प्रकार अधिक कृषकों को अधिक संख्या में पर्चियां निर्गत की गई। जबकि 60.00 कुंतल तक बेसिक कोटा वाले छोटे कृषकों को भी गत वर्ष जारी 1,55,089 पर्चियों के सापेक्ष इस वर्ष 2,03,003 पर्चियां जारी की र्गइं। गत वर्ष माह दिसम्बर तक मात्र 66,230 छोटे कृषकों को पर्चियां जारी की गईं जबकि इस वर्ष 76,766 छोटे कृषकों को पर्चियां निर्गत की जा चुकी हैं। इस प्रकार गत वर्ष के सापेक्ष 10,536 अधिक छोटे कृषकों को पर्चियां निर्गत की गई हैं।
प्रत्येक गन्ना समिति स्तर पर इन्क्वायरी टर्मिनल स्थापित किये गये हैं मोबाइल एप से भी सर्वे, सट्टा, पर्ची की जानकारी कृषकों को दी जा रही है। गन्ना किसानों को पेपर पर्ची के साथ-साथ एसएमएस द्वारा उनके मोबाइल पर भी पर्ची भेजी जा रही है जिससे पर्ची नष्ट करने वाले माफियाओं पर अंकुश लगा है। अब तक 11,833 फर्जी सट्टे भी बंद किये गये तथा रिकार्ड 55049 नये सदस्य बने हैं।
जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि पर्ची निर्गमन की वर्तमान व्यवस्था पूर्णतः पारदर्शी एवं विकेन्द्रित है। पर्ची प्रिन्टिंग के साथ ही किसान के मोबाइल पर एसएमएस द्वारा पर्ची भेजे जाने से किसान को तत्काल पर्ची प्राप्त हो रही है और वह पर्याप्त समय मिल जाने के कारण ताजा एवं साफ सुथरा गन्ना चीनी मिल को आपूर्ति कर रहे हैं। ताजा गन्ने की आपूर्ति के कारण पश्चिमी उ.प्र. में औसत चीनी परता में 0.49 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है तथा औसत चीनी परता गत वर्ष के 10.07 प्रतिशत से बढ़कर 10.56 हो गई है। कुल गन्ना पेराई भी गत वर्ष के 531.07 लाख कुं. से बढ़कर 560.09 लाख कुंतल हो गयी है।
श्री मौर्य ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की गयी बेहतर व्यवस्था के फलस्वरूप किसान चीनी मिलों को निर्बाध गन्ने की आपूर्ति कर रहा है, पश्चिमी उ.प्र. में गत वर्ष 18 खांडसारी इकाइयों द्वारा 31 दिसम्बर तक 9.78 लाख कुन्टल गन्ना खरीदा गया इसके सापेक्ष इस वर्ष 22 खांडसारी इकाईयाॅ संचालित हुईं लेकिन उनके द्वारा 31 दिसम्बर तक 7.45 लाख कुन्टल गन्ना खरीदा गया है। इस प्रकार गत वर्ष के सापेक्ष खांडसारी इकाईयों में वृद्धि के बावजूद उन्हें कम गन्ना प्राप्त हो रहा है। किसान इस नई व्यवस्था से पूर्णतया संतुष्ट हैं।