आईपीएल 11 का आधा सफर पूरा हो चुका है और अब टीमें दूसरी बार एक-दूसरे का सामना कर रही हैं. अब तक के मैचों में कई बेहतरीन कैच और फील्डिंग देखने को मिली है. वहीं कई आसान से कैच टपकाने के मामले भी सामने आए हैं. टी20 फॉर्मेट में एक कैच और फील्डिंग पूरा मैच पलट देने की ताकत रखते हैं. इसके चलते फील्डिंग पर सबकी पैनी नजरें रहती हैं.ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार इस सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम सबसे मुस्तैद टीम है और उसने सबसे ज्यादा रन बचाए हैं. दूसरे नंबर पर सनराइजर्स हैदराबाद है. आरसीबी और हैदराबाद में जबरदस्त मुकाबला है. वहीं किंग्स इलेवन पंजाब की फील्डिंग सबसे ढीली है उसने 26 अतिरिक्त रन लुटाए हैं उसके बाद नंबर आता है चेन्नई सुपरकिंग्स का जिसके फील्डर्स ने 11 एक्स्ट्रा रन दिए हैं. लेकिन अंक तालिका को देखें तो पता चलता है कि बेहतरीन फील्डिंग वाली टीमें हमेशा जीतती नहीं है लेकिन उनके जीतने के अवसर सबसे ज्यादा होते हैं.चेन्नई की फील्डिंग को लेकर तो उनके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा भी था कि उनकी टीम में काफी उम्रदराज खिलाड़ी हैं इसकी वजह से उनसे फुर्ती की ज्यादा उम्मीद न लगाई जाए. बावजूद इसके चेन्नई की टीम टॉप पर है और इसके सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक है उसकी कैचिंग. धोनी की टीम ने अब तक सबसे कम कैच टपकाए हैं. चेन्नई के फील्डर्स के पास 37 कैच आए हैं और इनमें से 33 पकड़े गए हैं. उनके पास रवींद्र जडेजा जैसा फील्डर है जिसने अपने पास आए सभी सातों कैच लपके हैं. रोचक बात है कि जडेजा इस सीजन में बल्लेबाजी और गेंदबाजी में कोई कमाल नहीं दिखा पाए हैं.चेन्नई के शेरों ने अपने पास आए कैचों में से 89 फीसदी लपके हैं. इस मामले में मुंबई इंडियंस की टीम अव्वल है जिसने 90 प्रतिशत कैच पकड़े हैं. राजस्थान (73) और पंजाब (69) प्रतिशत के साथ सबसे नीचे हैं.राजस्थान रॉयल्स की टीम अंक तालिका में बीच में कहीं अटकी हुई है. इसकी बड़ी वजह उसकी लापरवाही भरी कैचिंग है. राहुल त्रिपाठी ने शेन वॉटसन, केन विलियमसन और शिखर धवन के कैच टपकाए और इन तीनों ने शतक या अर्धशतक जमाए. और इन तीनों मुकाबलों में राजस्थान को हार झेलनी पड़ी. बता दें कि त्रिपाठी ने इस सीजन में अभी तक चार कैच टपकाए हैं.
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