शाहजहांपुर नदी घाट के किनारे सजी कोसी के पास शादी के जोड़े में पूजन करती महिलाएं, ध्वनि विस्तारक यंत्रों से छठ मइया के गुंजायमान गीत, आतिशबाजी छुड़ाकर जश्न मनाते बच्चे तथा नदी में उतरकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते दंपती.. यह नजारा था खन्नौत नदी के लोदीपुर घाट का। यहां पूर्वांचल संस्कृति से जुड़े सैकड़ों लोगों ने सपरिवार छठ मइया की पारंपरिक पूजा की। कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा के साथ घाट के निरीक्षण के बाद सभी को छठ पर्व की बधाई दी।
आज अस्तांचलगामी सूर्य की पूजा के बाद खन्नौत घाट पर सजी कोसी स्थल पर रात भर व्रती महिलाओं ने दीप जलाए। ब्रह्ममुहुर्त में ही व्रती महिलाएं परिवार संग घाट पहुंची। दो घंटे की पारंपरिक पूजा के साथ नदी में उतरकर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया।
प्रकृति पूजा की प्रतीक है कोसी
छठ पूजा का पर्व पूरी तरह प्रकृति पर आधारित है। गन्ने को नई साड़ी ओढ़ाकर कोसी सजाई गई। फल, मिष्ठान, दक्षिणा अर्पित कर सुख समृद्धि की कामना के साथ जल में खड़े होकर सूर्यदेव की साधना की गई।
रात में जलाए दिए, माथे पर सजाया सिदूर
नदी किनारे सजी कोसी व हांडी में जलते दीपों के बीच व्रती महिलाओं ने एक दूसरे के माथे से नाक तक सिदूर सजाया। कोसी को रोली अक्षत, सिदूर का टीका लगाकर पूजन किया। एक दूसरे से प्रसाद मांगकर आशीर्वाद लिया।
*जनपद शाहजहांपुर जितेंद्र कुमार कश्यप की रिपोर्ट*
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