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Saturday, February 15, 2025 6:24:17 PM

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दिल्ली के इतिहास का सबसे ज्यादा टैक्स- सीटीआई

दिल्ली के इतिहास का सबसे ज्यादा टैक्स- सीटीआई

रिपोर्ट : दीपक कुमार त्यागी 

स्वतंत्र पत्रकार

 

अप्रैल से जून के बीच में 8000 करोड़ से ज्यादा का रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन

 

दिल्ली सरकार की ट्रेड फ्रेंडली नीति से बढ़ रहा टैक्स

 

3 लाख से 8 लाख तक पहुंची जीएसटी रजिस्टर्ड व्यापारियों की संख्या

 

व्यापारी संगठनों का भी अहम योगदान

 

मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में दिल्ली के जीएसटी कलेक्शन में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। अप्रैल से जून की अवधि में 8028.91 करोड़ रुपये जीएसटी का कलेक्शन हुआ है। 2018-19 की पहली तिमाही में 4419.71 करोड़ रुपये जीएसटी वसूला गया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) भी जीएसटी के बढ़ते आंकड़ों से उत्साहित है। सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली में कारोबार करने का माहौल पहले के मुकाबले काफी सुधरा है, व्यापार बढ़ा है। दिल्ली ही नहीं आसपास के शहरों समेद देशभर के खरीददार राष्ट्रीय राजधानी में आकर परचेजिंग कर रहे हैं।

व्यापारी भी बढ़चढ़कर जीएसटी दे रहे हैं।

8 लाख से अधिक व्यापारियों से जीएसटी का कलेक्शन हुआ है।

 

बृजेश गोयल ने बताया कि वैट के दौरान जहां दिल्ली में करीब 3 लाख व्यापारी रजिस्टर्ड थे, आज उनकी संख्या बढ़कर 8 लाख के करीब हो गई है।

 

सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा होने से व्यापारी और ग्राहकों की आवाजाही आसान हुई है। मार्केट में इंस्पेक्टर राज खत्म हुआ है।

जब से अरविंद केजरीवाल सरकार आई है, तब से दिल्ली सरकार के अधिकारी विशेष मामलों को छोड़कर मार्केट में रेड डालने नहीं जाते। ट्रेडर्स भयमुक्त होकर बिजनेस कर रहे हैं। अब व्यापारियों को भी मालूम है कि टैक्स भरेंगे, तो भ्रष्टाचार में पैसा नहीं जाएगा। अब जीएसटी से मिला पैसा जनकल्याण नीतियों में खर्च हो रहा है।

 

वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में GST कलेक्शन

2018-19 — 4419.71

2019-20 — 4668.23

2020-21 — 2474.78

2021-22 — 4014.78

2022-23 — 6985.05

2023-24 — 8028.91

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