दीपक कुमार त्यागी / हस्तक्षेप
स्वतंत्र पत्रकार
- प्रदूषण के उच्च स्तर पर बाजारों को खोलने और बन्द करने का समय अलग अलग करें व्यापारी संगठन : गोपाल राय
- CTI के नेतृत्व में दिल्ली के मार्केट एसोसिएशन्स, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन्स, इंडस्ट्री एसोसिएशन्स के व्यापारियों से पर्यावरण मंत्री की चर्चा
- बाजारों में फायर ब्रिगेड से छिड़काव के लिए जगह चिन्हित करेगा सीटीआई
- 117 प्रमुख ट्रैफिक जाम वाली लोकेशन पर यातायात व्यवस्था दुरुस्त करें ट्रैफिक पुलिस
राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के विषय में दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के साथ मीटिंग की।
बैठक में मार्केट, इंडस्ट्री, ट्रांसपोर्ट सेक्टर के व्यापारी नेता शामिल हुए। सभी ने अपनी समस्याएं और पलूशन के बाद लगी पाबंदियों और समाधान पर चर्चा की।
CTI चेयरमैन बृजेश गोयल और महासचिव गुरमीत अरोड़ा के मुताबिक, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ व्यापारी संगठनों ने प्रदूषण के कारण दिल्ली के व्यापार में आ रही परेशानियों को लेकर चर्चा की ,
ट्रांसपोर्टर्स नेता राजेंद्र कपूर ने ग्रीन टैक्स का विषय उठाया। दिल्ली में प्रवेश करने वाले कमर्शल वीइकल से 12 महीने ग्रीन टैक्स वसूलते हैं। ये पैसा कहां खर्च हो रहा है, किसी को नहीं पता। जबकि इसका इस्तेमाल पलूशन को रोकने में होना चाहिए। साल में 2-3 महीने जब एयर पलूशन पीक पर हो, तभी ग्रीन टैक्स वसूला जाए।
ट्रकों की एंट्री बैन होने से ट्रांसपोर्टर्स और व्यापारियों का खासा नुकसान होता है।
मीटिंग में राजेश खन्ना, संदीप गुलाटी, नइम राजा, ट्रांसपोर्टर मोहन सिंह, मनु अरोड़ा, तनुज कथुरिया, संदीप शर्मा, बजरंग शर्मा, विक्की मलिक, अतुल विज, बृजेश माहेश्वरी आदि मौजूद रहे।
इंडस्ट्री एसोसिएशन्स की प्रतिक्रिया
दिल्ली फैक्ट्री फेडरेशन के नेता समीर नैयर ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों में दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलेपमेंट कॉरपोरेशन (DSIIDC) सड़कों का निर्माण नहीं करता। कई जगह गड्ढे हैं। गाड़ियां चलने से धूल उड़ती हैं। दिल्ली पलूशन कंट्रोल बोर्ड (DPCC) के कर्मचारी फैक्ट्रियों में रेड मारते हैं। चेकिंग के नाम पर प्रताड़ित करते हैं। इससे करप्शन बढ़ रहा है। वैसे ही काफी इंडस्ट्री दिल्ली के बाहर चली गईं।
117 डार्क जोन में ट्रैफिक प्रॉब्लम
मीटिंग में गुरमीत अरोड़ा और दीपक गर्ग ने बताया कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की माने तो 117 डार्क जोन हैं। जहां ट्रैफिक जाम लगता है। एक्सीडेंट तक होते हैं। गाड़ियां रेंग चलती हैं, तो ईंधन जलता है। धुएं के साथ सड़क की धूल भी पलूशन बढ़ाती हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए। सड़कों के साथ किनारे पर लगे पेड़ों पर जमी धूल को भी पानी के प्रेशर से धोया जाए। इसमें फायर ब्रिगेड की मदद भी ले सकते हैं।
मंत्री के सवाल और सुझाव
गोपाल राय ने सुझाव दिया कि क्या बाजारों की असोसिएशंस पीक पलूशन के दौरान दुकानें खोलने के समय में बदलाव कर सकती हैं? पीक टाइम में दुकानदारों के आने का समय आगे-पीछे होगा, तो सड़क पर ट्रैफिक कम होगा। मार्केट में सफाई सुनिश्चित कराएं। पानी का छिड़काव करें। मास्क बांटे। मेट्रो में सफर करें। कार पूल करें। पब्लिक ट्रांसपोर्ज यूज करें। पलूशन सिर्फ दिल्ली की समस्या नहीं है। इसमें पड़ोसी राज्यों के साथ केंद्र सरकार, व्यापारी, उद्यमी, नागरिकों को भी साथ देने की जरूरत है।
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