बहराइच-शासन से संचालित योजनाओं का लाभ जनता को सीधे कैसे मिले जब जनप्रतिनिधियों की नीयत ही ठीक न हो प्रधान,सचिव की सांठ गांठ से विकास के लिए आने वाले धन का बंदरबांट कर लिया जाता है और लाभार्थी कुछ नही कर पाता प्रधान,सचिव अपनी तिजोरियां भरने में लगे रहते है और अगर कोई पत्रकार इसको उजागर करता है तो सुरु होता धमकियों का सिलसिला य फर्जी अवैध धन मांगने का आरोप मगर सच्चाई को दबाया नही जा सकता लोगों की मिली शिकायत पर हमारी टीम बलहा के ग्राम सभा मेहरबान नगर और ग्राम सभा सुस्वारा मे जमीनी हकीकत से रूबरू होने पहुँची पहले टीम मेहरबान नगर ग्राम सभा मे जाती है और जैसे ही लोगों से पूछ ताछ सुरु करती है कि प्रधान पति, उसके भाई,उसके बेटे आ जाते है और संवाददाता जहां जहाँ पूछताछ करने जाता है यह लोग आगे आगे ही चलते और बोलने लगते है पत्रकारों को आजादी से अपना काम भी नही करने देते किसी प्रकार हमारी टीम इनसे पीछा छुड़ा कर लाभार्थियों के पास पहुँचती है तो जो हक़ीक़त सामने आती है वह सीधे शासन के आदेशों की अवहेलना दिखाई देती है लाभार्थियों ने बताया कि ग्राम सभा मे 29 लोहिया आवास चयनित किये गये आवास चयन के पूर्व ही प्रधान पति ने प्रति लाभार्थी 10- 50 हज़ार रुपए तक लिये उसके बाद सूची में नाम सम्मलित किये और जब 29 आवासों का चयन हो गया लाभार्थियों के खाते में पहली किस्त आई प्रधान पति हबीब पुत्र लहरी सबको लेकर बैंक गया और लाभार्थियों से पैसे निकलवाकर अपने हाथ मे लिए और लाभार्थियों से कहा कि तुम लोगों का आवास मै अपने दुवारा बनवाऊंगा और प्रधान पति हबीब पुत्र लहरी ने अपने 2 आदमियों को आवास बनाने का ठेका दे दिया ठेकेदार धीरे धीरे काम करवाता रहा जब तक आखरी क़िस्त नही आ गई जब आखरी क़िस्त आवास की आ गई तो प्रधान फातिमा के पति हबीब पुत्र लहरी ने पूरा पैसा अपने हाथ मे ले लिया और लाभार्थियों को 100-50 रुपया देकर गांव भेज दिया फिर 2-3दिन बाद हल्ला उड़ा दिया कि ठेकेदार पैसा लेकर भाग गया अब तक जो भी आधे अधूरे आवास बने सब मानक के विपरीत बने किसी की सिर्फ दिवार उठी किसी की सिर्फ नींव खुदी किसी की छत पड़ी काम इतना घटिया हुआ कि दीवारों में दरार पड़ गई छत टपकने लगी लाभार्थियों के सामने अब सबसे बड़ा संकट यह आ गया कि अब रहे कहा जो कुछ मढ़ह वगैरह बना था आवास के लालच में गिरा दिया गया इसमें भी प्रधान पति ने एक चाल चली की लोगों की फर्जी नोटरी बना ठेकेदार पर मुकदमा कर दिया जबकि लोगों का कहना है कि पैसा प्रधान ने लिया था हम लोग ठेकेदार को किया जाने प्रधान की ज़िम्मेदारी बनती है कि आवास को पूरा कराकर दे विगत दिनों पूर्व लाभार्थियों ने उपजिलाधिकारी नानपारा को शपथपत्र देकर आवास को पूरा कराने की गुहार लगाई कुछ जागरूक लोगों ने जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई आज उसकी जांच आई जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट बना अपने उच्चाधिकारियों को भेजी है वही दूसरी तरफ ग्राम सभा सुस्वारा मे ग्राम प्रधान हसीब खान ने सौचालय चयन में 2 से 5 हज़ार प्रति सौचालय ग्रामीणों से लिया तब उनका चयन किया गया और जब सौचालय बनाने का टाइम आया लाभार्थियों के खाते में पैसे आने लगे तो प्रधान और सचिव जगदीश पटेल लोगों के पैसे का बंदर बांट करने के लिए बैंक कर्मी को ग्राम में ले आये और सबका अंगूठा लगवाकर पैसा खुद ले लिया और किसी ठेकेदार दुवारा मानक के विपरीत सौचालय का निर्माण करा डाला लोगों का कहना है कि सौचालय में 7-8 हज़ार रुपये ही लगे होंगे बाकी पैसा प्रधान,सचिव,और ठेकेदार मिलकर खा गये दोनों मामले की जानकारी ग्रामीणों ने जिला अधिकारी से लेकर खंड विकास अधिकारी तक कि है मगर कार्यवाही के लिए अभी कोई पहल नही की गई है
क्या कहते है खंड विकास अधिकारी -जब इस सम्बंध में खंड विकास अधिकारी सोभा राम मिश्रा से सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि जांच के लिए लिखा गया है जांच में जो दोषी पाया जाएगा उसपर कानूनी कार्यवाही करेंगे जब उनसे पूछा गया कि किस नियम के आधार पर ठेकेदारों से निर्माण कराया गया तो उन्होंने कहा कि ठेकेदारों से निर्माण कराये जाने का कोई भी आदेश नही है अगर ऐसा किया गया है तो जांच कर सख्त कार्यवाही करेंगे
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