Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Friday, June 20, 2025 3:13:14 PM

वीडियो देखें

ख़त्म नहीं हुआ कर्मचारी आंदोलन,कैबिनेट बैठक पर टिकी निगाहें

ख़त्म नहीं हुआ कर्मचारी आंदोलन,कैबिनेट बैठक पर टिकी निगाहें

अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक कोऑर्डिनेशन कमेटी के आह्वान पर चल रहा कर्मचारियों का आंदोलन ठिठका हुआ है और नेता वित्त मंत्री से बैठक के मिनिट्स जारी होने का इंतज़ार कर रहे हैं. कोऑर्डिनेशन कमेटी के अनुसार वित्त मंत्री ने पहले लिखित तौर पर आंदोलन स्थगन का भरोसा मांगा जिसे कोऑर्डिनेशन कमेटी ने स्वीकार नहीं किया. अब कमेटी की नज़र शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट मीटिंग पर है. कैबिनेट में कर्मचारी की मांगों पर क्या कहा जाता है उस पर ही कर्मचारियों का अगला कदम तय होगा.कोऑर्डिनेशन कमेटी के आह्वान पर कॉमन मिनीमम प्रोगाम के तहत दस सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर के ढाई लाख से अधिक कर्मचारी गुरुवार को अवकाश पर रहे. राजधानी में परेड ग्राउंड से लेकर प्रदेश भर में जिला मुख्यालय पर इस दौरान इकटठा हुए कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया.इस बीच सचिवालय में 11 बजे से कोऑर्डिनेशन कमेटी की वित्त मंत्री और अधिकारियों से मैराथन वार्ता हुई. वार्ता में एसीपी की पूर्ववर्ती व्यवस्था को बहाल करने, शिथिलिकरण नियमावली 2010 को बहाल करने समेत सभी मांगों को शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में रखने का निर्णय लिया गया.हालांकि, कर्मचारियों की मांगों में से अधिकांश ऐसी हैं जिन्हें बिना कैबिनेट में रखे वित्त मंत्री या सीएम के स्तर पर हल किया जा सकता है. इन मांगों को भी कैबिनेट में ले जाने पर कर्मचारी आशंकित भी हैं. इसलिए तय किया गया है कि पहले मिनिट्स का अध्ययन किया जाएगा और फिर कोऑर्डिनेशन कमेटी फैसला लेगी.कोऑर्डिनेशन कमेटी का कहना है कि वार्ताएं पहले भी होती रही हैं लेकिन जब मिनिट्स बाहर आते हैं तो बातचीत के विपरीत होते हैं. वित्त मंत्री चाहते हैं कि बात कैबिनेट में रखने से पहले कर्मचारी आंदोलन स्थगित करने का लिखित आश्वासन दें और कर्मचारी चाहते हैं मिनिट्स के साथ ही कैबिनेट के फैसले का भी इंतज़ार कर लिया जाए.

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *