बहराइच: सावन की पहली बारिश ने ग्रामीण इलाकों के रास्तों को तालाब में बदल दिया है। बरशात आने से पहले लोग अपने घरों के नालीयो़ की मरम्मत करने लगते है जिससे घरों में बरशात का पानी जमा न होने लेकिन जो गांव का मुख्य मार्ग ही तालाब बन जाए तो ऐसे में लोगों को परेशानीयो का सामना करना पड़ता है लेकिन सवाल ये उठता है कि इन सार्वजनिक रास्तों की मरम्मत की जिम्मेदारी किसकी है आम लोगों की या ग्राम प्रधानों की। आप ग्राम पंचायत जौहर ब्लाक चित्तौरा की मुख्य मार्ग की एक झलक तशवीर में देख सकते हैं। आप को एसी दुर दशा कई स्थानों पर देखने को मिल सकती है। लेकिन सवाल ये उठता है कि करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं गांव के विकास के लिए लेकिन एक बरशात से ही गांव के विकास की पोल खुल जाती है या फ़िर विकास के नाम पर केवल सरकार के पैसे ठगे जाते हैं और अगर पैसे ठगे जाते तो सरकार इस जांच क्यु़ नही करवाती है और अगर जांच होता है सबका अपना अपना हिस्सा होता है इसलिए गांव के विकास के नाम पर इतनी बड़ी धांधली होने के बावजूद ये भ्रष्ट लोग सरकार के पैसे को विकास के नाम पर हणप कर लेते हैं।
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