बहराइच जिला प्रशासन ने पूरे लाकडाऊन मे मनमाना रवैया अपनाया है।
इससे पहले हमने लाकडाऊन मे पत्रकारो की जिला प्रशासन से दूरी विषय पर लिखकर अवगत कराया था।
शासन लगभग रोजाना प्रेस कांफ्रेंस करके पत्रकारो को हालात से अवगत कराता है।
पत्रकारो को भी जो कुछ जानना होता है वो अपनी सन्तुष्टि कर लेते है।
लेकिन लगभग 50 दिन बाद आज तक जिला प्रशासन को फुर्सत न मिली कि वह पत्रकारो को थोड़ा समय दे दे।
बात समय देने के लिए इसलिए कि प्रशासन पत्रकारो का सामना नही करना चाहता। जाहिर सी बात है कि पत्रकार सवाल जवाब जरूर करेगे और कमियो को उछालेगे। इससे अच्छा पत्रकारो को प्रेस नोट से काम चलाया गया।
ठीक उसी तरह प्रशासन, जिले के खासकर सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों को भी काम चलाऊ समझकर बड़ी बड़ी बातो और दावो से पेट भरते रहे।
इसी बीच जब गल्ला मंडी, नगरपालिका, पुलिस और कई शिकायते महसी विधायक सुरेश्वर सिंह को मिली और उन्होंने देर रात सड़क पर निकलकर सच जाना तो उनका गुस्सा नगर मजिस्ट्रेट व एसडीएम सदर के सामने फूट पड़ा।
उन्होंने इस बीच बाहरी मजदूरो के साथ लापरवाही और पुलिस की वसूली जैसे गंभीर आरोप लगाये।
उधर मोहल्ला नाजिरपुरा क्षेत्र के लोग रोडवेज चौकी चौक इंचार्ज की बेलगामी,वसूली और पिटाई से पीड़ित है।
एक तरफ जनता लम्बे समय से लाकडाउन झेल रही है। तमाम तरह के मसले मसायल है।
वही इस संकट मे भी अधिकारियो को लूटने खाने और पुलिस को वसूली करने व मनमानी करने का मौका मिल गया।
देर से ही सही लेकिन महसी विधायक सुरेश्वर सिंह ने सच्चाई का एहसास किया और सरकार की हो रही बदनामी को लेकर अधिकारियो को कड़ी फटकार लगायी।
अब देखना होगा कि इसका असर कब तक रहता है और प्रशासन दोषियो के विरुद्ध क्या कार्यवाही करता है।
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